
पटना, बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अचानक पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक के ऐलान ने सूबे की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि आखिर तेजस्वी यादव ने इतनी अचानक बैठक क्यों बुला ली।
बैठक का एजेंडा क्या?
सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक मौजूदा राजनीतिक हालात, विपक्षी रणनीति और आने वाले विधान परिषद व विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर हो सकती है। साथ ही, NDA की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उठे विवाद ने भी राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव विधायकों से इस मुद्दे पर पार्टी की आगे की रणनीति पर राय-मशविरा करेंगे।
मोदी पर विवादित टिप्पणी और NDA का हमला
हाल ही में PM मोदी की मां पर की गई विवादित टिप्पणी के चलते बिहार की राजनीति गरमा गई है। NDA ने इस मुद्दे को विपक्ष पर हमला बोलने का हथियार बना लिया है। वहीं, तेजस्वी यादव और RJD लगातार पलटवार कर रहे हैं। ऐसे में विधायकों की बैठक बुलाना राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।
2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 करीब हैं। RJD की कोशिश है कि पार्टी की एकजुटता और मजबूती को जनता के सामने पेश किया जाए। JDU और BJP के बीच चल रहे समीकरणों के बीच तेजस्वी यादव अपनी रणनीति को तेज करना चाहते हैं। बैठक में चुनावी एजेंडे, सीट बंटवारे और संगठन विस्तार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
पार्टी में असंतोष को साधने की कोशिश
जानकारों का कहना है कि कुछ विधायकों में हाल के दिनों में असंतोष की खबरें आई थीं। तेजस्वी यादव इस बैठक के जरिए पार्टी विधायकों को भरोसे में लेना और असंतोष को खत्म करना चाहते हैं। विपक्षी पार्टियां लगातार RJD पर टूट-फूट की आशंका जता रही हैं। ऐसे में यह बैठक पार्टी की ताकत दिखाने का भी जरिया हो सकती है।
लालू यादव का निर्देश भी अहम
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव की यह बैठक लालू यादव के ही निर्देश पर बुलाई गई है। लालू चाहते हैं कि पार्टी की एकजुटता बनी रहे और किसी भी तरह का अंदरूनी विवाद सार्वजनिक न हो।
बीजेपी-जेडीयू गठजोड़ पर निगाह
तेजस्वी यादव की बैठक का एक और मकसद NDA की रणनीति पर नजर रखना भी है। बीजेपी और जेडीयू मिलकर चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की साझा रैली भी होने वाली है। RJD चाहती है कि वह विपक्षी गठबंधन INDIA के जरिए इसका जवाब तैयार करे।
INDIA गठबंधन में भूमिका
बैठक का एक बड़ा हिस्सा INDIA गठबंधन की स्थिति पर भी चर्चा के लिए होगा। कांग्रेस, RJD, JDU और अन्य दलों के बीच तालमेल किस तरह बनेगा, यह बिहार की राजनीति का बड़ा सवाल है। तेजस्वी यादव चाहते हैं कि बिहार में RJD विपक्ष का चेहरा बने और इस दिशा में वे विधायकों को एकजुट करना चाहते हैं।
सोशल मीडिया रणनीति पर जोर
बैठक में यह भी तय हो सकता है कि RJD सोशल मीडिया पर NDA के खिलाफ अपनी पकड़ कैसे मजबूत करे। तेजस्वी यादव खुद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहने की अपील कर चुके हैं।
जनता को संदेश देने का प्रयास
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बैठक महज अंदरूनी चर्चा भर नहीं है, बल्कि जनता को यह संदेश देने की कोशिश भी है कि RJD एकजुट है और आगामी चुनाव में NDA को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
तेजस्वी यादव की अचानक बुलाई गई यह बैठक बिहार की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत देती है। आने वाले समय में यह साफ होगा कि इस बैठक से RJD को कितना फायदा होता है और क्या यह NDA के लिए चुनौती साबित होगी।