
भारतीयों में सबसे आम हैं ये 5 तरह के कैंसर: एक्सपर्ट से जानिए शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय
भारत में कैंसर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (NCRP) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लाखों नए कैंसर केस दर्ज किए जाते हैं। बदलती जीवनशैली, गलत खानपान, प्रदूषण और तंबाकू का सेवन इसके प्रमुख कारण बन रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, पांच ऐसे कैंसर हैं जो भारत में सबसे आम पाए जाते हैं—स्तन कैंसर, ओरल (मुंह का) कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर।
इनकी पहचान शुरुआती चरण में हो जाए तो इलाज संभव है। इसलिए इनके लक्षणों को पहचानना और समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है।
✦ 1. स्तन कैंसर (Breast Cancer)
किसे होता है:
मुख्य रूप से महिलाएं इसकी शिकार होती हैं, लेकिन पुरुषों में भी ये दुर्लभ रूप से हो सकता है।
शुरुआती लक्षण:
स्तन या बगल में गांठ
निप्पल से खून या तरल पदार्थ का रिसाव
त्वचा में गड्ढा या सिकुड़न
निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ना
बचाव:
हर महीने सेल्फ एग्जामिनेशन
40 की उम्र के बाद रेगुलर मैमोग्राफी
हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज
✦ 2. ओरल कैंसर (Mouth/Oral Cancer)
किसे होता है:
पुरुषों में सबसे ज्यादा, खासकर तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट सेवन करने वालों में
शुरुआती लक्षण:
मुंह या होंठ पर न ठीक होने वाला घाव
आवाज में बदलाव
चबाने या निगलने में दिक्कत
मुंह में सफेद या लाल पैच
बचाव:
तंबाकू और शराब से परहेज
नियमित डेंटल चेकअप
मुंह साफ रखना
✦ 3. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)
किसे होता है:
ज्यादातर सिगरेट या बीड़ी पीने वाले लोग इसके शिकार होते हैं।
शुरुआती लक्षण:
लगातार खांसी जो ठीक न हो
सांस फूलना या छाती में दर्द
खांसी के साथ खून आना
आवाज का भारी हो जाना
बचाव:
धूम्रपान से पूरी तरह दूरी
प्रदूषित वातावरण में मास्क का इस्तेमाल
नियमित स्वास्थ्य जांच
✦ 4. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
किसे होता है:
केवल महिलाओं को होता है, खासकर 30–50 आयु वर्ग में
शुरुआती लक्षण:
असामान्य वेजाइनल ब्लीडिंग
यौन संबंध के बाद ब्लीडिंग
पेट के निचले हिस्से में दर्द
सफेद पानी का अत्यधिक रिसाव
बचाव:
HPV वैक्सीन
रेगुलर पैप स्मीयर टेस्ट
स्वच्छता और सुरक्षित यौन संबंध
✦ 5. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
किसे होता है:
महिलाएं और पुरुष दोनों, विशेष रूप से 45 की उम्र के बाद
शुरुआती लक्षण:
मल में खून आना
कब्ज या डायरिया जो लंबे समय तक रहे
वजन तेजी से घटना
थकावट या कमजोरी
बचाव:
हाई-फाइबर डाइट और कम रेड मीट
नियमित फिजिकल एक्टिविटी
कोलोनोस्कोपी से समय-समय पर जांच
✦ विशेषज्ञ की राय:
डॉ. प्रिया शर्मा (ऑन्कोलॉजिस्ट) कहती हैं, “अगर कैंसर की पहचान शुरुआती स्टेज में हो जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है। भारत में जागरूकता की कमी सबसे बड़ी चुनौती है।”
वे आगे कहती हैं, “हर व्यक्ति को साल में एक बार हेल्थ चेकअप जरूर कराना चाहिए और यदि किसी भी लक्षण को नजरअंदाज किया गया, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।”
कैंसर का नाम सुनते ही डर लगना स्वाभाविक है, लेकिन सही समय पर जांच और इलाज इसे मात दे सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, तंबाकू से दूरी, संतुलित आहार और नियमित जांच इसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। जागरूक बनें, सतर्क रहें और अपने परिवार को भी सतर्क करें।