क्या आप जानते हैं कि दिल की बीमारियां केवल हृदय को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं? मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, हृदय और मस्तिष्क के बीच एक गहरा संबंध होता है। जब दिल सही तरीके से काम नहीं करता, तो मस्तिष्क तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। आज के समय में बढ़ता तनाव, असंतुलित जीवनशैली, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं इस खतरे को और बढ़ा रही हैं।
दिल और दिमाग के बीच का संबंध
हृदय का मुख्य कार्य शरीर के हर हिस्से तक रक्त पहुंचाना है, जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है। मस्तिष्क को लगातार पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो रक्त के माध्यम से पहुंचते हैं। यदि हृदय की धड़कन अनियमित हो जाए, धमनियों में रुकावट आ जाए या ब्लड प्रेशर बढ़ जाए, तो यह सीधे मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यही स्थिति आगे चलकर स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज का कारण बन सकती है।
एक्सपर्ट की राय
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनमें स्ट्रोक का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कई गुना ज्यादा होता है। जब दिल कमजोर होता है, तो वह मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त नहीं भेज पाता, जिससे अचानक ब्रेन में ब्लॉकेज या क्लॉट बन सकता है। इसे ही स्ट्रोक कहा जाता है।
स्ट्रोक के लक्षण पहचानें
स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। अचानक शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन महसूस होना, बोलने में दिक्कत, चेहरे का एक हिस्सा ढीला पड़ जाना, चक्कर आना या धुंधला दिखना — ये सभी लक्षण स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इलाज में देरी जानलेवा साबित हो सकती है।
कैसे बचें दिल और दिमाग की बीमारियों से
1. नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें ताकि हृदय और ब्लड प्रेशर की स्थिति का पता चलता रहे।
2. भोजन में ताजे फल, सब्जियां, फाइबर और कम तेल का उपयोग करें।
3. रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करें।
4. धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
5. तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
महिलाओं और युवाओं में भी बढ़ रहा खतरा
पहले जहां दिल और दिमाग की बीमारियों को उम्रदराज लोगों की समस्या माना जाता था, वहीं अब यह समस्या युवाओं और महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। काम का दबाव, नींद की कमी और जंक फूड का सेवन इसके मुख्य कारण हैं।
डॉक्टर क्या कहते हैं
डॉक्टरों के अनुसार, स्ट्रोक का सीधा संबंध हृदय की सेहत से है। यदि दिल स्वस्थ रहेगा, तो मस्तिष्क भी सक्रिय और संतुलित रहेगा। इसलिए नियमित जांच, सही आहार और संतुलित जीवनशैली अपनाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
दिल और दिमाग के बीच का संबंध बेहद गहरा है। यदि हृदय कमजोर होगा, तो मस्तिष्क पर इसका सीधा असर पड़ेगा। इसलिए हृदय की देखभाल केवल दिल की बीमारी से बचाने के लिए ही नहीं, बल्कि स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति से भी बचाने के लिए जरूरी है।
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या लक्षण के प्रकट होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। स्वयं से उपचार करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
