
लिवर कैंसर, जिसे यकृत कैंसर भी कहा जाता है, लिवर की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होता है। शुरुआती चरण में इसके लक्षण हल्के होते हैं और अक्सर लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर लक्षण पहचान कर इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है, क्योंकि प्रारंभिक स्तर पर इलाज संभव और अधिक प्रभावी होता है।
लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण
लिवर कैंसर के प्रारंभिक लक्षण कई बार सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे महसूस होते हैं, इसलिए इन्हें पहचानना कठिन हो सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है:
1. पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द या सूजन
पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में हल्की या लगातार दर्द महसूस होना।
कभी-कभी सूजन या असहजता भी हो सकती है।
2. अनजानी थकान और कमजोरी
बिना किसी कारण के लगातार थकान महसूस होना।
दिनभर की सामान्य गतिविधियों में भी ऊर्जा की कमी।
3. भूख में कमी और वजन घटना
अचानक भूख कम होना।
वजन घटने लगे, भले ही डाइट में बदलाव न हो।
4. पीलापन (जॉन्डिस)
आंखों या त्वचा का पीला पड़ना।
यूरिन का रंग गहरा होना।
5. अम्लीय अपच और मतली
खाने के बाद लगातार पेट भारी या अपच महसूस होना।
उल्टी या मतली के लक्षण।
कौन अधिक जोखिम में हैं?
कुछ लोग लिवर कैंसर के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि निम्नलिखित समूहों में जोखिम ज्यादा होता है:
हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित लोग
एल्कोहल का अत्यधिक सेवन करने वाले लोग
ज्यादा फैटी लिवर या मोटापे से पीड़ित लोग
परिवार में लिवर कैंसर का इतिहास रखने वाले लोग
दीर्घकालिक मधुमेह और लीवर सिरोसिस के मरीज
विशेषज्ञों के सुझाव और बचाव के उपाय
1. नियमित स्वास्थ्य जांच
लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड समय-समय पर कराएं।
2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
संतुलित आहार, कम वसा और कम तेल का सेवन।
नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रित रखें।
3. एल्कोहल और धूम्रपान से परहेज
लिवर पर अतिरिक्त दबाव न डालें।
4. टीकाकरण और हर्बल सपोर्ट
हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं।
हर्बल सप्लीमेंट्स और डॉक्टर की सलाह से लीवर सपोर्ट लें।
5. लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
शुरुआती पहचान से इलाज की सफलता बढ़ती है।
लिवर कैंसर शुरुआती चरण में हल्के लक्षण दिखाता है, जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना ही सबसे प्रभावी उपाय है। समय पर ध्यान देने से यह गंभीर बीमारी बनने से रोकी जा सकती है।
यह जानकारी सामान्य स्वास्थ्य शिक्षा के लिए है। किसी भी लक्षण या स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से व्यक्तिगत परामर्श लेना आवश्यक है।