
कालकाजी इलाके में दर्दनाक हादसा, बारिश में गिरा पेड़; पिता-पुत्री गंभीर रूप से घायल
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में गुरुवार सुबह हुई तेज बारिश के बीच कालकाजी इलाके में एक दर्दनाक हादसा हो गया। परास चौक के पास सड़क किनारे खड़ा एक पुराना नीम का पेड़ अचानक गिर गया। उसकी चपेट में एक बाइक पर सवार पिता और उनकी नन्ही बेटी आ गए। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कैसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 8:30 बजे इलाके में बारिश हो रही थी। परास चौक से कुछ ही दूरी पर एक पुराना नीम का पेड़ वर्षों से सड़क किनारे खड़ा था। लगातार बारिश और तेज हवा के कारण पेड़ की जड़ें कमजोर हो गईं और वह अचानक सड़क की ओर गिर पड़ा। ठीक उसी समय एक व्यक्ति अपनी 6 वर्षीय बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए बाइक से निकल रहे थे। पेड़ का बड़ा हिस्सा सीधे बाइक पर आ गिरा, जिससे दोनों सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद मची अफरा-तफरी
पेड़ गिरते ही आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद राहगीरों और दुकानदारों ने तुरंत मदद की और पेड़ का कुछ हिस्सा हटाकर पिता-पुत्री को बाहर निकाला। सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची। घायलों को एंबुलेंस से नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
लोगों ने जताया गुस्सा
स्थानीय लोगों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह नीम का पेड़ काफी पुराना था और इसकी शाखाएं कई बार सड़क पर गिर चुकी थीं। कई बार शिकायत करने के बावजूद इसे काटा या सुरक्षित नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि मानसून से पहले कमजोर और पुराने पेड़ों की जांच व छंटाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
प्रशासन की सफाई
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि हादसे की जानकारी मिलने के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। निगम का दावा है कि मानसून से पहले पेड़ों की जांच का काम चल रहा है, लेकिन तेज बारिश और हवाओं के कारण कुछ पेड़ अचानक गिर सकते हैं। निगम ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
बारिश में बढ़ते खतरे
दिल्ली में हर साल बारिश के मौसम में इस तरह के हादसे सामने आते हैं। पानी भरने, बिजली के खंभों में करंट लगने और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं आम हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने पेड़ों की जड़ों में समय-समय पर मजबूती का काम और उनकी सही छंटाई बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
स्थानीय निवासियों की मांग
कालकाजी के निवासियों ने निगम से अपील की है कि इलाके के सभी पुराने और कमजोर पेड़ों की तुरंत जांच करवाई जाए। साथ ही, स्कूलों के आसपास और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाए। उनका कहना है कि इस बार हादसा दिन में हुआ, लेकिन अगर यह किसी रात या व्यस्त ट्रैफिक समय में होता, तो जनहानि कहीं ज्यादा हो सकती थी।
फिलहाल दोनों की हालत गंभीर
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, घायल पिता की उम्र लगभग 35 साल और बेटी की उम्र 6 साल है। पिता के सिर और हाथ में गंभीर चोटें हैं, जबकि बेटी के सिर और पैर में फ्रैक्चर हुआ है। डॉक्टरों ने उन्हें अगले 48 घंटे निगरानी में रखा है। पुलिस ने घटना का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
यह हादसा एक बार फिर शहर में पेड़ों की सुरक्षा और रखरखाव के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है। मानसून के मौसम में इस तरह की घटनाएं न केवल जीवन के लिए खतरा हैं, बल्कि यह लापरवाही की भी गवाही देती हैं। अगर समय रहते कार्रवाई की जाए, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।