
मध्य प्रदेश।उज्जैन में रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया जब भारी बारिश के बीच पुलिस की गाड़ी शिप्रा नदी में गिर गई। इस हादसे में थाना प्रभारी की मौत हो गई है जबकि गाड़ी में सवार दो अन्य पुलिसकर्मी अब भी लापता हैं। घटना रात करीब 9:30 बजे हुई जब गाड़ी शिप्रा नदी के पुल से गुजर रही थी। तेज बहाव और लगातार बारिश के कारण वाहन अनियंत्रित होकर सीधे नदी में जा गिरा।
हादसे का विवरण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी जब पुल से गुजर रही थी तभी अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और कार रेलिंग तोड़ते हुए नदी में समा गई। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस व SDRF टीम को सूचना दी। राहत और बचाव दल ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद थाना प्रभारी का शव बरामद कर लिया गया, लेकिन अन्य दो पुलिसकर्मियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। SDRF की टीम लगातार गोताखोरों की मदद से तलाश कर रही है।
प्रशासन सतर्क
हादसे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उज्जैन कलेक्टर और एसपी ने घटनास्थल का जायजा लिया और रेस्क्यू कार्य तेज करने के निर्देश दिए। प्रशासन ने कहा है कि नदी के तेज बहाव और अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है, लेकिन सुबह तक और टीमें लगाई जाएंगी।
शिप्रा नदी का उफान
उज्जैन की जीवनरेखा कही जाने वाली शिप्रा नदी इन दिनों भारी बारिश के कारण उफान पर है। लगातार हो रही वर्षा से जलस्तर काफी बढ़ चुका है। नदी के किनारे बसे इलाकों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। प्रशासन ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि लोग नदी और पुलों के आसपास न जाएं, लेकिन ड्यूटी के कारण पुलिसकर्मी इस रास्ते से गुजर रहे थे।
शोक की लहर
थाना प्रभारी के निधन की खबर फैलते ही पूरे पुलिस विभाग और इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। साथी पुलिसकर्मियों ने उन्हें कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी बताया। स्थानीय लोग भी उनके अचानक चले जाने से स्तब्ध हैं। मृत थाना प्रभारी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या नदी के बढ़े जलस्तर और तेज बहाव के बीच वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए था? क्या पुल पर सुरक्षा बैरियर पर्याप्त नहीं थे? विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे समय में जोखिम भरे इलाकों में ट्रैफिक रोकना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया और मृत थाना प्रभारी के परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लापता पुलिसकर्मियों को जल्द से जल्द खोजने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। साथ ही शहीद पुलिसकर्मी के परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की गई है।
बारिश से बिगड़े हालात
मध्य प्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जगह बाढ़ जैसे हालात हैं। उज्जैन, इंदौर, रतलाम और आसपास के इलाकों में सड़कें जलमग्न हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
स्थानीय लोगों की अपील
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि पुलों और नदी किनारे पर सुरक्षा कड़ी की जाए। कई बार बारिश के मौसम में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, तब तक संवेदनशील इलाकों में यातायात रोका जाना चाहिए।
घटना की जांच जारी
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि गाड़ी नदी में कैसे गिरी – क्या यह चालक की लापरवाही थी, पुल पर बैरियर की कमी थी, या फिर अचानक पानी के तेज बहाव के कारण हादसा हुआ। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
उज्जैन का यह दर्दनाक हादसा न केवल पुलिस विभाग बल्कि आम जनता के लिए भी चेतावनी है कि बरसात और बाढ़ के मौसम में सतर्कता कितनी जरूरी है। शिप्रा नदी का उफान एक बार फिर से दिखा रहा है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसानी लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है।