संयुक्त राष्ट्र ने गाज़ा सिटी और आसपास के इलाकों में अब तक का पहला आधिकारिक अकाल (famine) घोषित किया है, जो मध्य पूर्व में पहली बार है. इस गंभीर स्थिति में लगभग 5 लाख (514,000) निवासी अत्यधिक भूख और कुपोषण का सामना कर रहे हैं, जिसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने ‘मानव निर्मित त्रासदी’ बताया है . दूसरी ओर, इजरायल इस घोषणा को निराधार ठहराते हुए इसे “हमास की अफवाहें” बताया है .

वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानक IPC (Integrated Food Security Phase Classification) ने गाज़ा सिटी में फेज 5—”catastrophic” हालत घोषित की है, जो अकाल के सबसे चरम चरणों में से एक है .

लगभग 5 लाख 14 हजार लोग इन चरम हालत से प्रभावित हैं; यह संख्या सितंबर तक बढ़कर 6 लाख 41 हजार के आस-पास पहुंचने का अनुमान है .

IPC के अनुसार, अकाल की परिभाषा में तीन श्रेणियाँ शामिल हैं:

1. 20% से अधिक परिवारों में चरम खाद्य संकट।

2. 30% से अधिक पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे कुपोषित।

3. दैनिक 10,000 लोगों में से दो वयस्क या चार बच्चे भूख या संबंधित बीमारी से मर रहे हों।
गाज़ा में ये सभी मानक पूरी हो चुके हैं .

भूखे बच्चों और गंभीर कुपोषित रोगियों की हड्डियाँ उभर रही हैं, कई तो इतना कमजोर हैं कि अस्पताल में ठीक नहीं हो पा रहे .

WHO, WFP, FAO और UNICEF जैसे संस्थानों ने तुरंत मानवतावादी सहायता, पूर्ण युद्धविराम, और बिना किसी बाधा के राहत सामग्री की पहुंच की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है .

FAO के निदेशक QU Dongyu, WFP की Cindy McCain और WHO के Dr Tedros ने सभी ने मिलकर कहा कि यदि सहायता समय परें पहुँचाई जाती, तो यह संकट अवश्य टाला जा सकता था .

इज़राइल सरकार ने इस घोषणा की कड़ाई से निंदा की, इसे “हमास की अफवाह” बताते हुए IPC रिपोर्ट को “झूठ” और “पक्षपातपूर्ण” कहा .

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि “इज़राइल की नीति भूख मिटाने की है, भूख फैलाने की नहीं।” उन्होंने दावा किया कि अब तक 2 मिलियन टन सहायता सामग्री गाज़ा में पहुँचाई जा चुकी है .

UN मानवतावादी प्रमुख टॉम फ्लेचर ने इसे “रोकने योग्य अकाल” कहा और इज़राइल पर आरोप लगाया कि सीमा पर खाद्य सामग्री रोकी जा रही है, जिससे यह विनाश उभर कर आया .

कई देशों ने कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं—ब्रिटेन ने इस मानवीय त्रासदी को “भयानक” कहा और इज़राइल से पाबंदी हटाने की मांग की .

अमेरिका ने इस संकट की वास्तविकता को स्वीकारते हुए, यह भी कहा कि सहायता चोरी या हो रही है या वितरण असंगठित है .

गाज़ा सिटी में पहली बार घोषित अकाल एक ऐतिहासिक और मानवता के लिए शर्मनाक पल है। लाखों लोग भूख और कुपोषण की चपेट में हैं, जबकि चिकित्सा और राहत कार्यकर्ता बेहद सीमित संसाधनों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। अधिकांश विशेषज्ञ इसे मानव-निर्मित त्रासदी मानते हैं जिसे समय रहते रोका जा सकता था यदि सहायता तेज़ी से और तैनाती की प्रभावी व्यवस्था होती।
यह समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिलकर इस मानवीय आपदा को रोकने के लिए अधिक समर्थन, दबाव और सहयोग सुनिश्चित करे—ताकि गाज़ा में भूख और मृत्यु की यह त्रासदी आगे न बढ़े।