
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर में आज सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वहां दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में अचानक मची भगदड़ में अब तक 6 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 25 से 30 श्रद्धालु घायल हो गए हैं। इस हृदयविदारक घटना ने न केवल श्रद्धालुओं में बल्कि प्रशासन और आम जनता में भी गहरी चिंता पैदा कर दी है।
कैसे हुई भगदड़?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर के गर्भगृह और मुख्य मार्गों पर जमा थी। उसी दौरान किसी ने यह अफवाह फैला दी कि मंदिर के पास बिजली का करंट फैल गया है। यह सुनते ही वहां मौजूद लोग घबरा गए और अफरा-तफरी में भागने लगे। अचानक मची भगदड़ में कई लोग जमीन पर गिर पड़े और कई एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।
मृतकों की पहचान और स्थिति
मृतकों में अधिकांश श्रद्धालु उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए थे। फिलहाल पुलिस और राहत दल ने शवों की शिनाख्त का काम शुरू कर दिया है। घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
चश्मदीदों का बयान
मौके पर मौजूद कई लोगों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर थी। कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं था और ना ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी मौजूद थे।
एक चश्मदीद महिला ने कहा, “हमें कुछ समझ ही नहीं आया, अचानक लोग दौड़ने लगे। मैंने देखा कि एक बच्चा अपनी मां से बिछुड़ गया और जमीन पर गिर पड़ा।”
प्रशासन का बयान
हरिद्वार पुलिस और जिला प्रशासन ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। प्रशासन के अनुसार राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया था। घायल श्रद्धालुओं को सरकारी और निजी अस्पतालों में पहुंचाया गया है और कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर भारत में तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। हर साल लाखों श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से जरूरी व्यवस्था समय रहते नहीं की जाती।
विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारों या छुट्टियों के समय अतिरिक्त पुलिस बल, निगरानी कैमरे, स्पष्ट संकेत बोर्ड और अलग प्रवेश व निकास मार्ग अनिवार्य किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
हरिद्वार जैसे आस्था के केंद्र में ऐसी घटनाएं श्रद्धालुओं की जान के साथ-साथ प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस और प्रभावी व्यवस्था की आवश्यकता है।
Disclaimer: यह रिपोर्ट प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है। जांच पूरी होने तक घटनाक्रम में बदलाव संभव है। कृपया प्रशासनिक जानकारी के लिए अधिकृत स्रोतों का पालन करें।