14 साल की उम्र में जहां ज्यादातर बच्चे स्कूल, खेल और दोस्तों के बीच अपनी दिनचर्या बनाते हैं, वहीं वैभव सूर्यवंशी नाम का यह बाल खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय लिख चुका है। कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स मैदान पर महाराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज़ वैभव ने मात्र 61 गेंदों में नाबाद 108 रन ठोक डाले। इस शतकीय पारी को और खास बनाता है उनका आक्रामक अंदाज, जिसमें उन्होंने 7 छक्के और कई आकर्षक चौके जड़े। उनकी यह पारी न केवल विपक्षी टीम पर दबाव डालने वाली थी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की चमक भी साफ दिखा रही थी।

वैभव सूर्यवंशी की उम्र, तकनीक और मानसिक संतुलन ने सभी को हैरान कर दिया। इस मैच को देखने आए क्रिकेट एक्सपर्ट्स, चयनकर्ताओं और स्थानीय कोचों ने माना कि इस उम्र में ऐसी परिपक्व पारी खेलना बेहद दुर्लभ होता है। मैदान पर वैभव की आत्मविश्वास भरी बॉडी लैंग्वेज से यह साफ झलक रहा था कि वह सिर्फ प्रतिभाशाली ही नहीं, बल्कि बड़े मंच के लिए भी तैयार हैं।
ईडन गार्डन्स पर दर्शकों की खुशी का ठिकाना नहीं
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट मैदानों में गिना जाने वाला ईडन गार्डन्स अपने इतिहास में कई यादगार पारियों का गवाह रहा है। यहां सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज बल्लेबाज़ों ने अद्भुत पारी खेली। अब इस लिस्ट में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का नाम भी जुड़ गया है।
जब वैभव ने अपना शतक पूरा किया तो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की तालियों ने पूरे माहौल को उत्सव में बदल दिया। कई दर्शक इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने खड़े होकर इस युवा बल्लेबाज का स्वागत किया।
वैभव की पारी की खास बातें
61 गेंदों में नाबाद 108 रन
7 छक्के और कई बाउंड्री
स्ट्राइक रेट 175 के आसपास
बाएं हाथ का आक्रामक लेकिन तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाज
दबाव की स्थिति में संयम और रन बनाने की क्षमता
मैच की शुरुआत में जब महाराष्ट्र के गेंदबाजों ने तेज लाइन-लेंथ के साथ हमला शुरू किया तो वैभव कुछ देर विकेट पर टिके रहे और पिच को समझा। शुरुआती ओवरों के बाद जैसे ही वह सेट हुए, उन्होंने अपनी प्राकृतिक आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी। विशेष रूप से स्पिनरों के खिलाफ उन्होंने बड़ी आसानी से बड़े शॉट लगाए।
कोच का बयान: ‘यह बच्चा भविष्य का स्टार है’
वैभव के घरेलू कोच ने कहा कि उनकी मेहनत, अनुशासन और रोजाना घंटों की प्रैक्टिस उन्हें अलग पहचान दिलाती है।
उन्होंने कहा—
“वैभव कभी भी उम्र से नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा से खेलता है। वह हर दिन दो सत्रों में अभ्यास करता है। तकनीकी रूप से मजबूत है और मैच में दबाव झेलना जानता है। आज उसने दिखा दिया कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य का चमकता सितारा है।”
महाराष्ट्र के गेंदबाजों के लिए वैभव बने चुनौती
महाराष्ट्र की टीम ने तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों के जरिए वैभव को रोकने की कोशिश की, लेकिन उनकी टाइमिंग और शॉट सिलेक्शन इतना बेहतर था कि गेंदबाज बार-बार अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हुए।
स्पिनरों के खिलाफ वैभव ने स्वीप, स्लॉग स्वीप और लॉन्ग ऑन के ऊपर शानदार छक्के लगाए। वहीं तेज गेंदबाजों की गेंदों को उन्होंने बेहतरीन बैक-फुट पंच और ड्राइव्स में तब्दील किया।
सोशल मीडिया पर छाए वैभव
जैसे ही वैभव का यह रिकॉर्ड बना, सोशल मीडिया पर #VaibhavSuryawanshi और #FutureStar ट्रेंड करने लगा।
दर्जनों पूर्व क्रिकेटर्स ने उनकी तारीफ की और कहा कि इतनी कम उम्र में इस तरह की पारी खेलना एक दुर्लभ उपलब्धि है।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि वैभव की यह पारी सिर्फ एक सेंचुरी नहीं, बल्कि आने वाले समय का संकेत है।
उनके शॉट्स में ताकत और तकनीक
मैच की स्थिति को पढ़ने की क्षमता
मानसिक रूप से मजबूत होना
इन सभी गुणों के कारण वैभव एक संपूर्ण क्रिकेटर बनते जा रहे हैं।
वैभव ने दिया लक्ष्य— टीम इंडिया के लिए खेलना
मैच के बाद वैभव ने कहा कि यह शुरुआत मात्र है।
“मेरा सपना टीम इंडिया की जर्सी पहनना है। मैं रोज इसी लक्ष्य के साथ अभ्यास करता हूं। यह शतक मेरे लिए बड़ा है, लेकिन आगे अभी बहुत कुछ हासिल करना है।”
उनकी यह बातें एक ऐसे युवा खिलाड़ी की तस्वीर पेश करती हैं जिसके भीतर कड़ी मेहनत और बड़े सपने दोनों मौजूद हैं।
भविष्य का भारतीय क्रिकेट स्टार?
14 साल की उम्र में इस स्तर की पारी खेलना यह बताता है कि वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट के अगले बड़े बल्लेबाज बन सकते हैं। क्रिकेट बोर्ड, कोच और चयनकर्ताओं की नजर अब उन पर टिकी है।
उनकी बल्लेबाजी शैली, आत्मविश्वास और स्वाभाविक क्रिकेटिंग टैलेंट उन्हें आने वाले समय का बड़ा क्रिकेट स्टार बना सकता है।
