
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाने का एक प्राचीन विज्ञान है। इसके अनुसार घर की प्रत्येक दिशा का अपना महत्व होता है और यदि उस दिशा के नियमों का पालन न किया जाए तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम दिशा, जिसे नैऋत्य कोण भी कहा जाता है, वास्तु में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिशा में की गई छोटी-सी गलती भी व्यक्ति को आर्थिक संकट, पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का सामना करने पर मजबूर कर सकती है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि इस दिशा में क्या करना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।
दक्षिण-पश्चिम दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता, शक्ति और धन का प्रतीक मानी जाती है। इस दिशा का स्वामी राक्षसों का देवता नैऋत्य होता है, जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालता है। यदि इस दिशा में वास्तु दोष हो जाए तो घर के लोगों को धन की हानि, रिश्तों में दरार, करियर में रुकावट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इन गलतियों से बचें दक्षिण-पश्चिम दिशा में
1. पानी का स्रोत न रखें
दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी का स्रोत जैसे बोरिंग, वाटर टैंक या फव्वारा रखना बेहद अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में धन की कमी बनी रहती है और धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।
2. मंदिर या पूजा स्थल न बनाएं
पूजा स्थल हमेशा घर की ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि इसे दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाया जाए तो परिवार में लगातार तनाव और विवाद की स्थिति बनी रहती है।
3. रसोईघर न बनाएं
रसोईघर अग्नि का स्थान होता है और दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता का प्रतीक। इस दिशा में रसोईघर बनाने से परिवार में अस्थिरता आती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
4. भारी सामान न रखें हल्की जगह पर
दक्षिण-पश्चिम दिशा में हमेशा भारी सामान रखना शुभ माना जाता है। यदि इस दिशा को खाली या हल्का छोड़ दिया जाए तो घर के सदस्यों को मानसिक बेचैनी और असुरक्षा की भावना हो सकती है।
5. बेडरूम का गलत इस्तेमाल न करें
यदि घर का मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में है तो यह उत्तम होता है। लेकिन इस बेडरूम को बच्चों या मेहमानों को देने से घर के मुखिया का प्रभाव कम हो जाता है और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर पड़ती है।
6. टूटे-फूटे सामान और कबाड़ न रखें
इस दिशा में टूटी हुई वस्तुएं, पुराना कबाड़ या बेकार का सामान रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इससे घर के लोगों को लगातार आर्थिक हानि और पारिवारिक विवाद का सामना करना पड़ सकता है।
सकारात्मक उपाय
दक्षिण-पश्चिम दिशा में हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें।
यहां भारी फर्नीचर या अलमारी रखना शुभ होता है।
इस दिशा की दीवारों पर हल्के पीले या क्रीम रंग का प्रयोग करना लाभकारी माना जाता है।
यदि संभव हो तो यहां तिजोरी रखें, इससे धन में वृद्धि होती है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है। यदि इस दिशा में वास्तु नियमों का पालन किया जाए तो घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। लेकिन यहां की गई छोटी-सी गलती भी जीवन में आर्थिक संकट और रिश्तों में तनाव ला सकती है। इसलिए घर बनवाते समय या सजावट करते समय इस दिशा का विशेष ध्यान रखें।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है। इसे किसी प्रकार की अंधविश्वास की दृष्टि से न लें। व्यक्तिगत समस्याओं या बड़े निर्णयों के लिए किसी योग्य वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।