
उपराष्ट्रपति चुनाव पर देशभर की निगाहें
आज, मंगलवार 09 सितंबर 2025 को देश की राजनीति का एक और बड़ा दिन है। संसद भवन में आज सुबह 10 बजे से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू होगा। इस बार मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष समर्थित बी सुदर्शन रेड्डी के बीच है। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही उम्मीदवारों ने सांसदों से समर्थन जुटाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन नंबर गेम NDA के पक्ष में दिखाई दे रहा है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकतंत्र की उस अहम प्रक्रिया का हिस्सा है, जो संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, ऐसे में यह चुनाव राजनीतिक संतुलन और संसदीय कार्यवाही पर गहरा असर डालता है।

उम्मीदवार कौन हैं?

उम्मीदवार कौन हैं?
सीपी राधाकृष्णन:
तमिलनाडु से आने वाले अनुभवी नेता सीपी राधाकृष्णन को बीजेपी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। वे संगठन और प्रशासन, दोनों क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व ने उन्हें ‘अनुभवी और सर्वस्वीकार्य चेहरा’ करार दिया है।
बी सुदर्शन रेड्डी:
तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले बी सुदर्शन रेड्डी को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। वकालत और सामाजिक न्याय के क्षेत्र से राजनीति में सक्रिय रेड्डी ने चुनाव प्रचार के दौरान ‘संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा’ को अपना मुख्य मुद्दा बनाया।
वोटिंग प्रक्रिया और नियम
उपराष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सांसद शामिल होते हैं।
मतदान गोपनीय बैलेट पेपर से होता है, यानी सांसदों को पार्टी व्हिप से आज़ादी होती है।
जीत के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को कुल वैध मतों का 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाना जरूरी है।
वोटों की गिनती आज ही शाम तक पूरी कर ली जाएगी और रात तक नया उपराष्ट्रपति देश को मिल जाएगा।
नंबर गेम किसके पक्ष में?
संसद में मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो एनडीए गठबंधन का पलड़ा भारी है।
लोकसभा में एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है।
राज्यसभा में भी भाजपा और सहयोगी दलों की ताकत विपक्ष से ज्यादा है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर विपक्ष को क्रॉस वोटिंग का फायदा नहीं मिला तो सीपी राधाकृष्णन की जीत तय मानी जा रही है।
हालांकि विपक्ष समर्थित बी सुदर्शन रेड्डी भी इस चुनाव को विचारधारा बनाम सत्ता संघर्ष की लड़ाई बताकर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या हो सकती हैं संभावनाएं?
1. अगर सीपी राधाकृष्णन जीतते हैं
भाजपा को लगातार तीसरी बार उपराष्ट्रपति पद पर काबिज होने का मौका मिलेगा।
दक्षिण भारत से एक बड़ा चेहरा राष्ट्रीय स्तर पर सामने आएगा।
राज्यसभा की कार्यवाही में सरकार को ज्यादा सहूलियत मिल सकती है।
2. अगर बी सुदर्शन रेड्डी जीतते हैं
विपक्ष के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी और 2029 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष का मनोबल बढ़ेगा।
संसद में सत्ता और विपक्ष का संतुलन दिलचस्प हो जाएगा।

विपक्ष की रणनीति

विपक्ष की रणनीति
इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) ने सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाकर दक्षिण भारत पर फोकस किया है। कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का मानना है कि यह चुनाव विचारधाराओं की टक्कर है, जहां संसद में विपक्ष की आवाज को बुलंद करने के लिए मजबूत उपराष्ट्रपति की जरूरत है।
सत्ता पक्ष की तैयारी
भाजपा और एनडीए का दावा है कि सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सांसदों से मुलाकात कर एकजुटता का संदेश दिया है। बीजेपी का कहना है कि यह चुनाव विकास, स्थिरता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव का नतीजा चाहे जो भी आए, लेकिन यह साफ है कि इस चुनाव से देश की राजनीति में नए समीकरण जरूर बनेंगे। संसद की कार्यवाही और राजनीतिक संवाद दोनों पर नए उपराष्ट्रपति की भूमिका निर्णायक रहेगी।
आज शाम तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि आखिर बाजी किसके हाथ लगती है – सीपी राधाकृष्णन या बी सुदर्शन रेड्डी।