
‘ताला ठीक से बंद करेंगे’: 60 सीटों की मांग पर बोले मुकेश सहनी, कहा- उपमुख्यमंत्री बनना सपना नहीं गुनाह नहीं
बिहार में VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने फोरम के दौरान विपक्ष पर बोला हमला, खुद को असली पिछड़ा समाज का प्रतिनिधि बताया, 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर जताई बड़ी उम्मीदें
पटना | बिहार की राजनीति में पिछड़ा वर्ग की मजबूत आवाज बनकर उभरे विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि उनकी पार्टी राज्य में 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और अगर गठबंधन ने उनकी बात नहीं मानी, तो वह “ताला ठीक से बंद करना जानते हैं।” यह बयान स्पष्ट संकेत है कि सहनी अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने को पूरी तरह तैयार हैं।
‘लीडर बना हूं, वार्ड चुनाव नहीं लड़ा’
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सहनी ने कहा, “मैं कभी वार्ड पार्षद तक नहीं बना, फिर भी लीडर बन गया। मेरी राजनीतिक यात्रा किसी की कृपा से नहीं, बल्कि मेरे समाज के लोगों के संघर्ष और समर्थन से बनी है।” उन्होंने दावा किया कि वह बिना किसी विवाद या भ्रष्टाचार के राजनीति में आगे बढ़े हैं।
उपमुख्यमंत्री बनना सपना, कोई गुनाह नहीं
फोरम के दौरान जब उनसे उपमुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पर सवाल किया गया, तो मुकेश सहनी ने बड़ी सहजता से जवाब दिया –
“सपने देखना गलत नहीं है। अगर कोई दलित या पिछड़े समाज का युवा उपमुख्यमंत्री बनने का सपना देखता है तो इसमें गुनाह क्या है? मैं खुद को उस वर्ग की उम्मीद मानता हूं, जिसकी आवाज़ सदियों से दबाई गई।”
VIP का दावा: हम करेंगे मजबूती से वापसी
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में रहे मुकेश सहनी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में उन्हें एनडीए से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। लेकिन इसके बावजूद सहनी का आत्मविश्वास डगमगाया नहीं। उन्होंने कहा,
“हमने हमेशा अपने स्वाभिमान की राजनीति की है। अबकी बार हम 60 सीटों की मांग कर रहे हैं। अगर सहयोग नहीं मिला, तो हम अकेले भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।”
तेजस्वी यादव को घेरा बिना नाम लिए
भले ही उन्होंने किसी नेता का नाम न लिया, लेकिन उनके बयान से यह साफ था कि निशाना महागठबंधन और खासकर तेजस्वी यादव की ओर था। सहनी ने कहा,
“कुछ लोग खुद को पिछड़ों का मसीहा बताते हैं, लेकिन असली संघर्ष हमने किया है। हमारे समाज के लोग अब जागरूक हो चुके हैं। अब सिर्फ जाति के नाम पर वोट नहीं मिलेंगे, काम दिखाना पड़ेगा।”
समाज का प्रतिनिधित्व मेरा हक
मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद जैसे समुदायों की आवाज़ को लंबे समय तक दबाया गया, लेकिन अब वह खुद को इन वर्गों का सच्चा प्रतिनिधि मानते हैं। उन्होंने कहा –
“हम राजनीति में अपनी हिस्सेदारी मांग रहे हैं, भीख नहीं। हमारे समाज के लोग अब तय करेंगे कि सत्ता की चाबी किसके हाथ में होनी चाहिए।”
क्या BJP से फिर होगा गठबंधन?
इस सवाल पर सहनी ने कहा कि राजनीति में कोई भी फैसला स्थायी नहीं होता, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“हमारी लड़ाई सम्मान और अधिकार की है। जहां सम्मान मिलेगा, वहीं जाएंगे।”
पार्टी में सभी का स्वागत
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने VIP में शामिल होने की इच्छुक नई पीढ़ी और नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा –
“हमारी पार्टी सबको अवसर देती है। हम युवा, महिला, किसान और मजदूर – सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, आंदोलन है।”
मुकेश सहनी के हालिया बयानों से साफ है कि वह बिहार की राजनीति में फिर से अपनी दमदार वापसी की तैयारी में हैं। 60 सीटों की मांग हो या उपमुख्यमंत्री बनने की इच्छा – सहनी की बातें ना सिर्फ उनके आत्मविश्वास को दर्शाती हैं बल्कि यह भी बताती हैं कि वे अब किसी भी राजनीतिक समझौते के लिए तैयार नहीं, जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिलता। आने वाला चुनावी मौसम इस बात का गवाह बनेगा कि VIP का राजनीतिक ताला बंद होता है या फिर सत्ता के दरवाजे उसके लिए खुलते हैं।