
पश्चिम बंगाल: सिंगूर के नर्सिंग होम में 24 वर्षीय नर्स की संदिग्ध मौत, परिवार ने लगाया यौन उत्पीड़न और हत्या का आरोप।
हुगली (पश्चिम बंगाल) — जिले के सिंगूर क्षेत्र में शुक्रवार को एक नर्सिंग होम में 24 वर्षीय महिला नर्स का शव संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता हुआ मिला। मृतका की पहचान स्थानीय निवासी अर्चना दास (परिवर्तित नाम) के रूप में हुई है। घटना ने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी, बल्कि स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा और महिला कर्मचारियों के साथ होने वाले व्यवहार पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, मृतका सिंगूर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में पिछले डेढ़ साल से बतौर स्टाफ नर्स कार्यरत थी। शुक्रवार सुबह सहकर्मियों ने नर्सिंग होम के स्टाफ रूम में उनका शव पंखे से लटकता देखा। तुरंत प्रबंधन को सूचना दी गई और पुलिस को बुलाया गया। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिवार का आरोप
मृतका के परिजनों ने इस घटना को आत्महत्या मानने से साफ इंकार कर दिया है। उनका आरोप है कि अर्चना को नर्सिंग होम में लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। मृतका की बड़ी बहन ने मीडिया को बताया,
> “मेरी बहन ने कई बार फोन पर बताया था कि वहां के एक डॉक्टर और कुछ स्टाफ उसके साथ गलत बर्ताव करते हैं। उसने कहा था कि वह नौकरी छोड़ना चाहती है, लेकिन प्रबंधन ने धमकी दी कि अगर इस्तीफा दिया तो बकाया वेतन नहीं मिलेगा और झूठे केस में फंसा देंगे।”
परिजनों का दावा है कि यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि यौन उत्पीड़न के बाद हत्या का है और फिर उसे आत्महत्या का रूप दिया गया है।
नर्सिंग होम प्रबंधन का बयान
दूसरी ओर, नर्सिंग होम प्रबंधन ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है। संस्थान के निदेशक ने कहा,
> “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या का मामला है। मृतका पिछले कुछ दिनों से निजी कारणों से तनाव में थी। हमने कभी किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं किया। पुलिस को पूरी तरह जांच में सहयोग दिया जा रहा है।”
पुलिस की कार्रवाई
सिंगूर थाने की पुलिस ने कहा कि मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। नर्सिंग होम के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और स्टाफ से पूछताछ हो रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि होगी। साथ ही, मृतका के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि घटना से पहले उन्होंने किसी से संपर्क किया था या नहीं।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। नर्सिंग होम के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। कुछ संगठनों ने कहा है कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
महिला संगठनों की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल महिला आयोग ने घटना पर गंभीर चिंता जताई है और पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्वास्थ्य संस्थानों में महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेना होगा और उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना होगा।
पृष्ठभूमि और व्यापक सवाल
पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में नर्सों और महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ उत्पीड़न और हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। 2022 में भी हुगली जिले के एक अस्पताल में नर्स के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था, जिसमें आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इन मामलों में संस्थानों की जवाबदेही तय करना और कार्यस्थल पर लैंगिक संवेदनशीलता बढ़ाना जरूरी है।
परिवार की मांग
मृतका के परिवार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है। उनका कहना है कि मामले की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।
पुलिस के सामने चुनौतियां
इस तरह के मामलों में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती सबूतों को सुरक्षित रखना और घटना के समय की पूरी श्रृंखला को पुनर्निर्मित करना होती है। कई बार प्रबंधन और आरोपी पक्ष दबाव डालने की कोशिश करते हैं, जिससे निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है।
सिंगूर की यह घटना केवल एक महिला की मौत का मामला नहीं है, बल्कि यह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा के मुद्दे पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। जांच से चाहे यह आत्महत्या साबित हो या हत्या, यह स्पष्ट है कि महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना और यौन उत्पीड़न के मामलों में त्वरित कार्रवाई करना समय की मांग है।