
क्या है E10 और E20 पेट्रोल? जानें आपकी गाड़ी के लिए कौन सा सही ।
भारत सरकार पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर आयातित तेल पर निर्भरता कम करना चाहती है। इसे “एथेनॉल ब्लेंडिंग” कहते हैं। लेकिन हाल ही में E10 और E20 जैसे शब्द चर्चा में हैं, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई है — आखिर ये क्या होते हैं? क्या ये आपकी गाड़ी के लिए सही हैं? इस रिपोर्ट में हम विस्तार से समझेंगे कि एथेनॉल क्या है, E10 और E20 में क्या फर्क है, और आपको क्या इस्तेमाल करना चाहिए।
एथेनॉल क्या है?
एथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है जिसे गन्ने, मक्का, चावल और अन्य कृषि उत्पादों से बनाया जाता है। यह जैविक ईंधन (Biofuel) है, जिसका उपयोग पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में किया जाता है। इससे न केवल पर्यावरण को कम नुकसान होता है, बल्कि देश की विदेशी मुद्रा की बचत भी होती है क्योंकि हमें कम मात्रा में कच्चा तेल आयात करना पड़ता है।
E10 और E20 क्या है?
E10 का मतलब है – पेट्रोल में 10% एथेनॉल और 90% पेट्रोल का मिश्रण।
E20 का मतलब है – पेट्रोल में 20% एथेनॉल और 80% पेट्रोल का मिश्रण।
सरकार ने पहले E10 को आम उपयोग में लाया और अब E20 की ओर बढ़ रही है, ताकि 2025 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाया जा सके।
E10 और E20 में फर्क:
विशेषता E10 E20
एथेनॉल की मात्रा 10% 20%
माइलेज पर असर हल्का असर थोड़ा ज्यादा असर
इंजन पर असर सामान्य रूप से अनुकूल पुराने इंजन में दिक्कत संभव
प्रदूषण कम और भी कम
गाड़ी की अनुकूलता लगभग सभी गाड़ियाँ अनुकूल सिर्फ नई गाड़ियाँ बेहतर ढंग से अनुकूल
क्या आपकी गाड़ी E20 ईंधन के लिए तैयार है?
पुरानी गाड़ियों के इंजन E20 के लिए पूरी तरह उपयुक्त नहीं हो सकते। ज्यादा एथेनॉल इंजन के रबर, प्लास्टिक और धातु के हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन 2023 के बाद की कई नई गाड़ियाँ E20 कम्पैटिबल बनाई जा रही हैं। खरीदने से पहले कंपनी से जानकारी लेना जरूरी है।
E10 या E20: कौन सा आपके लिए बेहतर है?
यदि आपकी गाड़ी पुरानी है (2020 से पहले की), तो E10 ही उपयुक्त है।
अगर आपकी गाड़ी नई है (2023 के बाद की), और कंपनी ने E20 कम्पैटिबल बताया है, तो E20 इस्तेमाल कर सकते हैं।
हालांकि E20 में माइलेज थोड़ा कम हो सकता है (2-3% तक), लेकिन यह वातावरण के लिए अच्छा है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी।
सरकार का क्या लक्ष्य है?
भारत सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है। इससे देश को सालाना 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत होगी और किसानों को अतिरिक्त आय का जरिया भी मिलेगा। यह “हरित ऊर्जा” की ओर बड़ा कदम है।
उपयोगकर्ता के लिए सुझाव:
हमेशा पेट्रोल पंप से पूछें कि कौन सा फ्यूल मिल रहा है — E10 या E20।
अपनी गाड़ी की कंपनी मैनुअल में देखें कि वह E20 के लिए अनुकूल है या नहीं।
यदि गाड़ी बार-बार झटका दे रही है या माइलेज तेजी से गिर रहा है, तो फ्यूल की जांच करवाएं।
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल भारत के लिए पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद है, लेकिन उपभोक्ताओं को इसे लेकर सही जानकारी होना जरूरी है। अगर आप नई गाड़ी खरीदने जा रहे हैं तो E20 कम्पैटिबल वाहन को प्राथमिकता दें, ताकि भविष्य में किसी समस्या का सामना न करना पड़े।