
“पत्नी की मांगें बनीं बर्बादी की वजह: अच्छी नौकरी छोड़ बना लुटेरा, जयपुर में बुजुर्ग महिला से की चेन स्नैचिंग”
जयपुर शहर में अपराध की एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है, जिसमें एक पढ़ा-लिखा, प्रतिष्ठित मैनेजमेंट ऑफिसर लुटेरा बन बैठा। कारण? घर की कलह और पत्नी की बढ़ती आर्थिक मांगें। आरोपी ने एक बुजुर्ग महिला से चेन लूट ली, लेकिन वारदात के 48 घंटे के भीतर ही पुलिस के शिकंजे में आ गया। मामला जितना सामान्य प्रतीत हो रहा था, उसकी परतें खुलते ही समाज में छिपे मानसिक तनाव और घरेलू दबाव की सच्चाई सामने आने लगी। आरोपी किसी पेशेवर अपराधी की तरह नहीं, बल्कि पारिवारिक और मानसिक दबावों के शिकार व्यक्ति की तरह नजर आया। यह घटना न सिर्फ अपराध की बल्कि सामाजिक और पारिवारिक विफलताओं की भी कहानी कहती है। आइए जानते हैं पूरी घटना, आरोपी की पृष्ठभूमि, और इस केस से मिलने वाले अहम संदेश—
जयपुर के मानसरोवर इलाके में एक 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला से दिनदहाड़े चेन स्नैचिंग की वारदात हुई। महिला सुबह टहलने निकली थीं, जब बाइक सवार एक युवक ने झपट्टा मारकर उनकी सोने की चेन छीन ली और फरार हो गया। यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।
पुलिस ने जांच शुरू की और वीडियो फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान करने में सफलता पाई। कुछ ही घंटों की निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पर सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि वह कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि एक पढ़ा-लिखा मैनेजमेंट ऑफिसर निकला, जिसने पहले एक प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में काम किया था।
परिवार और नौकरी पर संकट:
पूछताछ में आरोपी ने जो खुलासा किया, वह और भी चौंकाने वाला था। उसने बताया कि उसकी पत्नी आए दिन पैसों की मांग करती थी। महंगे कपड़े, मोबाइल, घूमने-फिरने की जिद—इन सबके कारण घर का खर्च बढ़ता गया। पत्नी और ससुराल वालों के दबाव में वह मानसिक रूप से टूट गया। बात इतनी बिगड़ी कि उसने नौकरी छोड़ दी, क्योंकि घर में शांति नहीं थी और काम पर मन नहीं लग रहा था। नौकरी जाने के बाद आर्थिक संकट और बढ़ गया।
आरोपी ने बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से बेरोजगार था और पैसों की कमी के चलते ही उसने अपराध का रास्ता चुना। उसे लगा कि बुजुर्ग महिलाओं को निशाना बनाना आसान होगा और पुलिस तक पहुंचना मुश्किल। पर उसकी यह सोच गलत साबित हुई।
जयपुर पुलिस ने इस केस को गंभीरता से लिया और मानसरोवर थाने की टीम ने तेजी से जांच करते हुए आरोपी को ट्रैक कर लिया। उसके पास से चोरी की गई चेन और वारदात में प्रयुक्त बाइक भी जब्त कर ली गई।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह केस उदाहरण है कि कैसे शिक्षित और पहले से सफल दिखने वाले लोग भी गलत राह पर चले जाते हैं जब पारिवारिक जीवन संतुलन खो देता है। आरोपी के खिलाफ अब आईपीसी की धारा 392 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह मामला कई सवाल खड़े करता है। क्या मानसिक और घरेलू तनाव व्यक्ति को अपराध की ओर धकेल सकता है? क्या हमारा समाज पुरुषों की भावनात्मक और मानसिक सेहत को नजरअंदाज करता है? और क्या पारिवारिक अपेक्षाएं कभी-कभी अनजाने में एक इंसान को उसकी सीमाएं पार करने पर मजबूर कर सकती हैं?
यह जरूरी है कि हम घरों में संवाद बढ़ाएं, आर्थिक मुद्दों पर खुलकर बात करें और एक-दूसरे के तनाव को समझें। शिक्षित व्यक्ति का अपराध की ओर झुकना संकेत है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि सामाजिक आवश्यकता बन चुकी है।
जयपुर की यह घटना सिर्फ एक चेन स्नैचिंग का मामला नहीं, बल्कि उन घरेलू और मानसिक दबावों का आइना है जो कई बार अपराध की जड़ बन जाते हैं। पुलिस की तत्परता काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन समाज को भी अब आत्ममंथन की जरूरत है।