गोवा अब केवल अपने बीच, प्राकृतिक सौंदर्य और नाइटलाइफ के लिए ही नहीं, बल्कि धार्मिक पर्यटन के नए हब के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। इसी कड़ी में दक्षिण गोवा के शांत, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगली जीवोत्तम मठ में हाल ही में 77 फुट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया है।

कांस्य धातु से बनी यह भव्य प्रतिमा अब विश्व की सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति मानी जा रही है। प्रतिमा का आशीर्वादित आभामंडल दूर से ही नजर आता है और इस स्थान को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है। भगवान राम की यह प्रतिमा न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि कला, स्थापत्य और भारतीय संस्कृति की गौरवपूर्ण पहचान भी बन चुकी है।
प्रतिमा की खास बात – महान मूर्तिकार राम वी. सुतार की कृति
इस अद्भुत और दिव्य प्रतिमा को विश्वप्रसिद्ध मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया है, जिन्हें भारत की शान Statue of Unity का शिल्पकार होने का गौरव प्राप्त है।
उनकी कला और शिल्प कौशल की झलक भगवान राम की इस प्रतिमा में बखूबी दिखाई देती है—
राम का शांत, वीर और दिव्य स्वरूप
चेहरे पर अद्भुत तेज और करुणा
धनुष-वाण की दृढ़ मुद्रा
भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन
इन सभी तत्वों ने इस प्रतिमा को कालातीत और अप्रतिम बना दिया है।
भक्तों का उमड़ा जनसैलाब—देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं दर्शन करने
प्रतिमा के अनावरण के बाद से ही यहाँ भक्तों और पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
गोवा में आने वाले पर्यटकों के लिए यह नया आध्यात्मिक केंद्र बनता जा रहा है।
कई लोग इसे दक्षिण भारत के धार्मिक-पर्यटन मानचित्र में एक नया और महत्वपूर्ण पड़ाव मान रहे हैं।
यहां क्यों बन रही है धार्मिक पर्यटन की बड़ी पहचान?
गोवा का शांत वातावरण दर्शन के लिए उपयुक्त
प्राचीन मठों और मंदिरों का समृद्ध इतिहास
आधुनिक वास्तुकला और आध्यात्मिकता का समन्वय
पर्यटन और संस्कृति को जोड़ती नई पहल
इस प्रतिमा की वजह से अब गोवा सिर्फ बीचों का राज्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।
यात्रा करने की योजना बना रहे हैं? ये जानकारी जरूरी है
स्थान: श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगली जीवोत्तम मठ, दक्षिण गोवा
प्रतिमा की ऊंचाई: 77 फुट
धातु: कांस्य
डिजाइनर: पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वी. सुतार
सुविधाएँ: शांत परिसर, मंदिर, दर्शन स्थल, पार्किंग
यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। किसी भी धार्मिक तथ्य या यात्रा से जुड़ी जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि अवश्य कर लें।
