देवघर। देवघर जिले के मधुपुर थाना क्षेत्र के राजवाड़ी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक में 22 सितंबर 2025 को दोपहर लगभग 12:45 बजे हथियार के बल पर की गई सनसनीखेज डकैती का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। इस बड़े आपराधिक प्रकरण का खुलासा करते हुए पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के 11 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर सफलता हासिल की है। इस गिरफ्तारी को देवघर पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिसने न सिर्फ बैंक डकैती कांड को सुलझाया बल्कि गिरोह की गहन आपराधिक गतिविधियों से भी पर्दा उठाया है।
घटना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) के नेतृत्व में देवघर जिले के अधिकारियों के साथ-साथ सारठ, मधुपुर और पुलिस मुख्यालय की विशेष टीमों द्वारा साझा अभियान चलाया गया। पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तकनीकी निगरानी, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग, सीसीटीवी फुटेज की जांच और मुखबिर तंत्र आदि का सहारा लिया। इस संयुक्त और रणनीतिक कार्रवाई के परिणामस्वरूप पुलिस ने झारखंड और बिहार के कई इलाकों में छापेमारी अभियान चलाकर आरोपितों को धर दबोचा।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार सभी अपराधी बिहार के वैशाली और हाजीपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं और इनकी उम्र 19 से 30 वर्ष के बीच है। ये सभी पहले भी कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं और विभिन्न राज्यों में बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों में डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। उनकी गतिविधियों के मद्देनज़र पुलिस पहले से ही इनके गिरोह की तलाश में थी।
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से भारी मात्रा में बरामदगी भी की है। इनमें ₹5 लाख 50 हजार नकद, एक देसी पिस्टल, दो जिंदा कारतूस, दो एचडीएफसी बैंक के एटीएम कार्ड, एक स्कोडा कार, तथा 10 मोबाइल फोन शामिल हैं। इसके अलावा घटना के दौरान उपयोग किए गए नकाब और अन्य उपकरण भी पुलिस ने जब्त किए हैं।
एसपी ने बताया कि गिरोह ने बैंक में पहले रेकी की थी और कर्मचारियों की कार्यशैली से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक की बारीकी से जानकारी जुटाई थी। घटना के दिन अपराधी चेहरे पर नकाब लगाए, हथियार के बल पर बैंक में घुसे और कर्मचारियों को डराकर कैश पर कब्जा कर लिया। डकैती के दौरान अपराधियों ने किसी भी प्रकार का अलार्म या सिक्योरिटी एक्टिवेशन रोकने के लिए बैंक कर्मियों को धमकाया था। घटना के बाद अपराधी भागने में सफल रहे थे, लेकिन पुलिस की कड़ी और सुनियोजित जांच ने उन्हें ज्यादा समय तक आज़ाद नहीं रहने दिया।
पुलिस का कहना है कि पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वे लोग बिहार और झारखंड ही नहीं, बल्कि सीमावर्ती राज्यों में भी आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के कुछ और सदस्य अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश तेजी से जारी है। गिरोह की आर्थिक सप्लाई चेन और मास्टरमाइंड की पहचान पर भी काम किया जा रहा है।
देवघर पुलिस अधीक्षक ने मामले की सफलता पर टीम को बधाई देते हुए कहा कि कानून के दायरे में रहकर अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने जनता से सहयोग करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के बाद बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। मधुपुर के व्यापारियों ने कहा कि बैंक डकैती के बाद शहर में भय और चिंता का माहौल था, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी से अब लोगों को राहत मिली है। वहीं बैंक कर्मियों ने पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि यह उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाला कदम है।
पुलिस ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
इस पूरे अभियान में पुलिस की चार विशेष टीमों ने लगातार कार्य किया। तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ मैनुअल इंटेलिजेंस का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह कार्रवाई पुलिस की कुशल कार्यशैली और आधुनिक जांच तंत्र का स्पष्ट उदाहरण है।
इस खुलासे के बाद देवघर में सुरक्षा को लेकर प्रशासन और अधिक सतर्क हो गया है। शहर और आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। आगामी दिनों में भी देवघर पुलिस अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रखेगी, ताकि आमजन सुरक्षित महसूस कर सकें और अपराध पर अंकुश लगाया जा सके।
