
79वां स्वतंत्रता दिवसः लाल किले से मोदी का सख्त संदेश — “न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेंगे”
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025 – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से संबोधन करते हुए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, जो आपसी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए सशक्त संकेत बन गया है। उन्होंने साफ कहा, “न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”, और चेतावनी दी कि अब “खून-पानी एकसाथ नहीं बहेगा”
ऑपरेशन सिंदूर—शक्ति का प्रदर्शन
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत के आक्रोश की अभिव्यक्ति बताया, जो पहलगाम में आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया था। उन्होंने बताया कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछकर हत्या की, जिससे पूरा राष्ट्र और विश्व आक्रोशित हो गया ।
इस हमले के बाद सेना को खुली छूट दी गई, जिसने सैकड़ों किलोमीटर आगे जाकर आतंकवादी ठिकानों को तहस-नहस किया — पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है, नए खुलासों से इसकी गंभीरता उजागर हो रही है ।
‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ पर शून्य सहनशीलता
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अब किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेल या धमकी को स्वीकार नहीं करेगा। यह नीति बदलाव भारत के आत्मनिर्भर रक्षा ढांचे और रणनीतिक दृढ़ता का संकेत है ।
सिंधु जल समझौता: अब नहीं स्वीकार्य
मोदी ने सिंधु जल समझौते को “एकतरफा” और “अन्यायपूर्ण” करार देते हुए कहा कि यह भारत के किसानों और राष्ट्र हितों के साथ न्याय नहीं करता। “खून-पानी एकसाथ नहीं बहेगा” का भाव—जल संसाधनों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा में किसी भी विघटन को बर्दाश्त नहीं करने—को बल दिया गया ।
आत्मनिर्भर भारत—ऑपरेशन सिंदूर की शक्ति
प्रधानमंत्री ने “मेड इन इंडिया” हथियारों और तकनीक की भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि आत्मनिर्भरता ही वह ताकत थी, जिसने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक नेतृत्व करने में सक्षम बनाया। यदि आत्मनिर्भरता नहीं होती, तो संसाधन उपलब्धता को लेकर संदेह होता ।
प्राकृतिक आपदाएं और राहत कार्य
स्वातंत्र्य दिवस के इस भाषण में मोदी ने हाल की प्राकृतिक आपदाओं—भूस्खलन, बादलों के फटने—पर संवेदना जताई और राहत कार्यों में सरकारों की तत्परता का संकेत दिया ।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले का ब्रद्धुत प्रत्युत्तर, सेना की कार्रवाई
न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेंगे भारत की रणनीतिक दृढ़ता, परमाणु
मकियों के खिलाफ शून्य सहनशीलता
खून-पानी एकसाथ नहीं बहेगा सिंधु जल समझौते तथा सुरक्षा में आक्रामक नीति
पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है सेना की कार्रवाई से भारत-निर्भरता और पाकिस्तान में असहजता
आत्मनिर्भर भारत (मेड इन इंडिया) रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पाद एवं रणनीतिक आत्मनिर्भरता
प्राकृतिक आपदाएं और राहत कार्य संवेदनशीलता और सरकार का सतत योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह लाल किले का भाषण न केवल स्वतंत्रता दिवस का उत्सव था, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और कूटनीतिक दृढ़ता का परिचायक भी था। “ऑपरेशन सिंदूर” के ज़रिए भारत ने आतंकवाद और परमाणु धमकियों को स्पष्ट जवाब दिया, साथ ही यह संदेश दिया कि अब “पानी और खून एक साथ नहीं बहेंगे”, चाहे वह जल संधि हो या सुरक्षा का मामला।