
तेज़ गति से आई थार ने चाणक्यपुरी में दो लोगों को कुचला—एक की मौत, दूसरा घायल
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025 – राजधानी के प्रतिष्ठित चाणक्यपुरी में रविवार सुबह Mother Teresa Road (11 Murti Road) पर एक तेज़ रफ्तार महिंद्रा थार ने दो राहगीरों को कुचल दिया। इस दर्दनाक घटना में एक शख़्स की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उपचाराधीन है।
घटना की भयावह रूपरेखा
सुबह करीब 6:30 बजे, एक सफ़ेद रंग की महिंद्रा थार, जो संभवतः भारी गति से चल रही थी, अचानक मार्ग से हटकर फुटपाथ पर चली गई। यह वातारण 11 मूर्ति रोड के पास था—राष्ट्रपति भवन से केवल लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक हाई-सिक्योरिटी और पॉश इलाके में। इस हादसे में एक राहगीर स्थल पर ही घायलावस्था में गिर पड़ा और बाद में उसे मृत दर्ज किया गया, जबकि दूसरा व्यक्ति गंभीर अवस्था में अस्पताल भेजा गया।
पुलिस कार्रवाई और प्राथमिकी
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर वाहन को जब्त कर लिया और उसे ड्राइवर के साथ थाने ले जाया गया। ड्राइवर, 26 वर्षीय आशिष (पूर्व में एक अस्पताल में ड्राइवर रहा), को हिरासत में ले लिया गया और उससे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में उसमें शराब के सेवन के संकेत मिले हैं—वाहन में शराब की बोतल पायी गई है। इसके आधार पर, पुलिस ने संभावित नशे में गाड़ी ड्राइव करने की धारणा पर अनुसंधान जारी रखा हुआ है।
चेहरे पर जमी ख़ामोशी: दृश्य और प्रतिक्रिया
सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच की जा रही है ताकि दुर्घटना के संपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट किया जा सके। फॉरेंसिक की तस्वीरों में वाहन के फ्रंट बाएं हिस्से की दृश्य क्षति—बम्पर पर गहरी खरोंच, बोनट थोड़ा खिसका हुआ, और फेंडर पर चोटें—स्पष्ट दिख रही हैं।
बहुत ही उच्च-सुरक्षा वाले इस इलाके में शव को सड़क पर कई घंटे तक पड़ा रहने की स्थिति दर्शाती है कि तत्काल प्रभावी प्रतिक्रिया में कमी रही। वहीँ, सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आयीं—एक यूज़र ने लिखा:
> “दिल्ली के वीआईपी इलाके में थार की धमक! एक की मौत हो गई, दूसरा जान पर खेल रहा है… क्या थार चलाने वालों को कानून से ऊपर का दर्जा मिल गया है?”
सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े
यह घटना राजधानी में बढ़ते सड़क हादसों के बीच फिर एक चेतावनी बन कर उभरी है। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई तक करीब 2,235 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 556 घातक साबित हुए और 557 लोगों की जान गई—हालाँकि पिछले वर्ष की तुलना में इमरजेंसी घटनाओं की संख्या कम हुई, लेकिन घायल व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है।
चाणक्यपुरी जैसे पॉश,
हाई-सिक्योरिटी इलाके में भी इस तरह की दुर्घटना यह संकेत देती है कि सड़क सुरक्षा, तेज़ रफ्तार, और ड्राइविंग में शराब का सेवन—ये मुद्दे अब सार्वजनिक चेतना का हिस्सा बन चुके हैं। तत्परता और पुलिस नियंत्रण के बावजूद इस घटना ने साबित कर दिया कि केवल इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं, बल्कि जागरूकता और जवाबदेही भी उतनी ही ज़रूरी हैं।
राजधानी में तेज़ गति और संभावित शराब के प्रभाव से हुई यह त्रासदी, हमें सड़क सुरक्षा नियमों की पालना और ड्राइविंग में सतर्कता की आवश्यकता दोबारा याद दिलाती है।