
अहमदाबाद में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। शहर के एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वारदात किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि उसी स्कूल में पढ़ने वाले 8वीं कक्षा के छात्र ने की। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और आक्रोशित भीड़ ने स्कूल प्रबंधन को घेर लिया। गुस्साई भीड़ ने स्कूल प्रिंसिपल और स्टाफ की जमकर पिटाई की, जिससे हालात और बिगड़ गए।
घटना कैसे हुई?
जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह स्कूल में पढ़ाई चल रही थी। इसी दौरान 8वीं कक्षा का छात्र अपने साथ चाकू लेकर आया था। कक्षा के दौरान किसी बात को लेकर उसका 10वीं के छात्र से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि 8वीं के छात्र ने अचानक चाकू निकालकर वार कर दिया। घायल छात्र को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्यों हुआ विवाद?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों छात्रों के बीच पिछले कुछ दिनों से झगड़ा चल रहा था। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि किसी आपसी बहस और मजाक ने गंभीर रूप ले लिया था। घटना वाले दिन भी दोनों के बीच कहा-सुनी हुई, जिसके बाद 8वीं के छात्र ने यह कदम उठाया।
गुस्से में आई भीड़
जैसे ही घटना की खबर फैली, छात्रों के परिजन और आसपास के लोग स्कूल पहुंच गए। गुस्से में आकर भीड़ ने स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए हंगामा किया। देखते ही देखते लोगों ने स्कूल के प्रिंसिपल और स्टाफ पर हमला बोल दिया और उन्हें पीट दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को काबू में किया और घायल स्टाफ को अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और 8वीं कक्षा के आरोपी छात्र को हिरासत में ले लिया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आखिर इतनी कम उम्र का छात्र चाकू लेकर स्कूल कैसे पहुंचा। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस वारदात के पीछे कोई और वजह या उकसावे का मामला है।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस वारदात के बाद स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर एक छात्र स्कूल के अंदर हथियार लेकर कैसे आ गया? अभिभावक स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा जांच सख्त होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
घटना के बाद गुजरात शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने स्कूल प्रशासन से पूछा है कि छात्रों की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से उपाय किए गए थे और चाकू अंदर कैसे पहुंचा। साथ ही विभाग ने अन्य स्कूलों को भी सख्त सुरक्षा उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं।
बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति
यह घटना बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति की ओर भी इशारा करती है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कम उम्र में बच्चों का गुस्से पर काबू न रख पाना और हथियार उठाने जैसी प्रवृत्ति समाज के लिए खतरनाक है। अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों की मानसिक स्थिति पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।
इलाके में मातम
10वीं कक्षा के छात्र की मौत से परिवार और इलाका सदमे में है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और स्कूलों में सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए।
अहमदाबाद की यह घटना न केवल एक छात्र की जिंदगी छीन ले गई, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और स्कूल सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गई है। यह समय है जब स्कूल, अभिभावक और प्रशासन मिलकर बच्चों के मानसिक विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।