
एक मां क्या कुछ नहीं कर सकती अपने बच्चे के लिए। अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश में इंसानियत और ममता की मिसाल बन गई एक मां, जिसने खुद बुरी तरह झुलसने के बावजूद अपनी खाल से अपने बेटे की जान बचाई। यह घटना दिल को छू लेने वाली है और मां-बेटे के रिश्ते की गहराई को बयां करती है।
यह हादसा एयर इंडिया के विमान के अहमदाबाद में क्रैश होने के दौरान हुआ। प्लेन में एक महिला यात्री अपने छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी। हादसे के दौरान विमान में आग लग गई और अफरा-तफरी मच गई। मां और बेटा दोनों बुरी तरह झुलस गए। लेकिन मां की ममता ने एक चमत्कार कर दिखाया।
डॉक्टरों के अनुसार, मां का शरीर 40% तक जल चुका था, फिर भी उन्होंने डॉक्टरों से गुजारिश की कि उनके शरीर की बची हुई त्वचा को उनके बेटे की सर्जरी के लिए उपयोग किया जाए। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चा करीब 30% तक जल चुका था और उसके बचाव के लिए त्वचा की ग्राफ्टिंग जरूरी थी।
मां की इस पहल और ममता ने बेटे को नई जिंदगी दी। डॉक्टरों ने मां के शरीर से त्वचा निकालकर बच्चे पर ट्रांसप्लांट की, और अब बच्चा रिकवरी की ओर है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह केस चिकित्सा विज्ञान और मानवीय भावना दोनों के लिए एक मिसाल है।
मां की स्थिति और जज्बा:
मां अभी भी अस्पताल में भर्ती है और इलाज के दौर से गुजर रही है। हालांकि दर्द बहुत है, लेकिन उनकी आंखों में सुकून है कि उनका बेटा सुरक्षित है। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और हर कोई मां की हिम्मत और ममता को सलाम कर रहा है।
डॉक्टरों का क्या कहना है:
अस्पताल के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में पहली बार ऐसा केस देखा है, जहां एक झुलसी हुई मां ने अपने बेटे को जीवन देने के लिए खुद की खाल दी हो। डॉक्टरों का कहना है कि यह फैसला अत्यंत साहसिक और भावनात्मक था।
समाज की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर लोग इस मां को ‘आधुनिक यशोदा’ कह रहे हैं। ट्विटर और फेसबुक पर हजारों लोग इस मां की तारीफ कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे “मां की ममता का महाकाव्य” कहा है। सरकार से इस मां को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार देने की मांग भी की जा रही है।
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि मां सिर्फ एक शब्द नहीं, एक भाव है – जो दर्द में भी मुस्कुराती है, जख्मों से भी जीवन देती है। एयर इंडिया प्लेन क्रैश जैसी त्रासदी के बीच यह कहानी एक उम्मीद की किरण है।