
अमित शाह ने तोड़ा आडवाणी का रिकॉर्ड: सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री बने रहने का गौरव हासिल
भारत की राजनीति में एक नया इतिहास रचते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शाह अब देश के सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री बने रहने वाले नेता बन गए हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके राजनीतिक कौशल का प्रतीक है, बल्कि मोदी सरकार में उनके प्रभावशाली नेतृत्व और रणनीतिक क्षमता को भी दर्शाती है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली। वे अब देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गृह मंत्री बन गए हैं, इस दौरान उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
आडवाणी ने 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह मंत्री के तौर पर कार्य किया था। उनकी कुल कार्यावधि 6 साल 2 महीने और 3 दिन रही। जबकि अमित शाह 30 मई 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं और अगस्त 2025 तक उनका कार्यकाल 6 साल 2 महीने 4 दिन से अधिक हो चुका है।
शाह का अब तक का कार्यकाल:
अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद कई अहम और ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय था जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना। 5 अगस्त 2019 को यह फैसला लिया गया, जिसने राज्य की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।
इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी कानूनों में सुधार, सीमा सुरक्षा, NIA को मज़बूती, नागरिकता संशोधन कानून (CAA), और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) जैसे मुद्दों पर भी बड़ा असर डाला है।
नज़रें अब अगले कदम पर:
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की दिशा में बड़ा ऐलान कर सकती है। सूत्रों की मानें तो इस पर गृह मंत्रालय में गहन मंथन चल रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह एक बार फिर शाह की रणनीतिक सोच और राजनीतिक दूरदर्शिता का प्रमाण होगा।
राजनीतिक सफर और सफलता:
गुजरात के अहमदाबाद से राजनीति की शुरुआत करने वाले अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद रणनीतिकार माने जाते हैं। उन्होंने भाजपा को संगठनात्मक रूप से मज़बूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भाजपा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई राज्यों में पार्टी को सत्ता दिलाई।
गृह मंत्री बनने के बाद उनकी भूमिका में और अधिक गंभीरता आ गई। आंतरिक सुरक्षा से लेकर कानून व्यवस्था तक, शाह ने देश के भीतर कई जटिल समस्याओं से सफलतापूर्वक निपटने की क्षमता दिखाई है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अमित शाह का लंबा गृह मंत्रालय का कार्यकाल इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शाह की भूमिका केवल एक मंत्री की नहीं, बल्कि सरकार की रीढ़ मानी जाती है।
जहां लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी और संगठन के स्तंभ के तौर पर देखा गया, वहीं शाह को नीति निर्धारण, क्रियान्वयन और राजनीतिक रणनीति का मास्टरमाइंड कहा जाता है।
जनता की प्रतिक्रिया और भविष्य की राह:
अमित शाह के रिकॉर्ड को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है। समर्थकों ने इसे भाजपा की स्थिरता और मजबूत नेतृत्व की निशानी बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने उनकी नीतियों पर सवाल उठाए हैं, खासकर CAA और NRC जैसे मुद्दों पर।
अब सभी की निगाहें 2029 के आम चुनाव और उससे पहले संभावित बड़े फैसलों पर टिकी हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा, घुसपैठ पर नीति, और गृह मंत्रालय की डिजिटल सुरक्षा रणनीति शामिल हैं।
अमित शाह का गृह मंत्री के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल इतिहास में दर्ज हो गया है। यह केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में उनके प्रभाव, निर्णायक क्षमता और नेतृत्व कौशल की मजबूत छवि को दर्शाता है। आने वाले समय में उनके फैसले देश की आंतरिक राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था की दिशा तय करेंगे।