सस्ते प्रोडक्ट के लालच में कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ठगी के शिकार? जानिए साइबर फ्रॉड से कैसे बचें

सस्ते प्रोडक्ट के लालच में कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ठगी के शिकार? जानिए साइबर फ्रॉड से कैसे बचें

नई दिल्ली।डिजिटल युग में ऑनलाइन खरीदारी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। एक क्लिक पर घर बैठे सामान मंगाना जितना आसान हो गया है, उतना ही तेजी से ऑनलाइन ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। खासतौर पर सस्ते प्रोडक्ट्स के नाम पर लोगों को ठगने का चलन बेहद आम हो गया है। कई बार 1,000 रुपये के मोबाइल फोन या 199 रुपये में स्मार्टवॉच जैसी लुभावनी डील्स लोगों को आकर्षित करती हैं और वे बिना सोचे-समझे ऑर्डर कर बैठते हैं। लेकिन जब प्रोडक्ट डिलीवर होता है, तब असली ठगी का पता चलता है — या तो नकली माल मिलता है या फिर कुछ भी नहीं।

कैसे होती है ठगी?
ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में ठग कई तरीके अपनाते हैं:

1. फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज:
ठग फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर नामी ब्रांड्स की नकल कर वेबसाइट बनाते हैं। इन पर भारी छूट के साथ प्रोडक्ट दिखाए जाते हैं। ग्राहक ऑर्डर करते हैं, पेमेंट करते हैं और फिर या तो घटिया सामान मिलता है या कुछ भी नहीं।

2. कैश ऑन डिलीवरी धोखा:
कुछ ठग कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प देकर ग्राहकों का भरोसा जीतते हैं। ग्राहक बिना चेक किए डिलीवरी लेते हैं और बाद में जब बॉक्स खोलते हैं तो उसमें ईंट-पत्थर या कबाड़ निकलता है।

3. फर्जी कॉल्स और मैसेज:
‘आपने 25 लाख रुपये की लॉटरी जीती है’, ‘आपका सस्ता स्मार्टफोन डिस्पैच हो गया है, 99 रुपये पे करें’ जैसे मैसेज से लोगों को झांसे में लेकर OTP या बैंक डिटेल्स मांगी जाती हैं।

ऐसे मामलों में कौन-कौन हो चुका है शिकार?

दिल्ली की सीमा वर्मा ने एक इंस्टाग्राम पेज पर 299 रुपये में नाइकी जूते देखे। उन्होंने तुरंत ऑर्डर किया लेकिन डिलीवरी में प्लास्टिक के पुराने जूते निकले। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक युवक ने 499 रुपये में स्मार्टफोन ऑर्डर किया, डिब्बे में साबुन और पत्थर मिला।

सरकारी एजेंसियों के मुताबिक, बीते एक साल में ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के मामलों में 40% से अधिक की वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा शिकार युवा और सीनियर सिटिजन होते हैं, जो या तो टेक्नोलॉजी में ज्यादा पारंगत नहीं होते या लालच में आकर सावधानी भूल जाते हैं।

ठगी से कैसे बचें? अपनाएं ये उपाय

1. असली वेबसाइट पर ही खरीदारी करें:
किसी अनजान लिंक या वेबसाइट से शॉपिंग न करें। हमेशा ब्रांड की आधिकारिक वेबसाइट या भरोसेमंद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart, Myntra आदि) से ही खरीदारी करें।

2. URL को ध्यान से देखें:
वेबसाइट का URL “https://” से शुरू होना चाहिए और उसमें स्पेलिंग मिस्टेक नहीं होनी चाहिए। जैसे “amaz0n.com” एक फेक वेबसाइट हो सकती है।

3. ऑफर्स के पीछे न भागें:
अगर कोई प्रोडक्ट बाजार में 5,000 रुपये में बिक रहा है और कोई वेबसाइट उसे सिर्फ 499 में बेच रही है, तो ये साफ संकेत है कि कुछ गड़बड़ है।

4. कैश ऑन डिलीवरी में सतर्क रहें:
डिलीवरी लेते वक्त पार्सल खोलकर चेक करें और तभी पैसे दें। अगर डिलीवरी एजेंट ऐसा करने न दे, तो पार्सल लेने से मना कर दें।

5. बैंक या OTP जानकारी किसी से साझा न करें:
कोई भी बैंक या ई-कॉमर्स कंपनी आपसे फोन पर कार्ड डिटेल्स या OTP नहीं मांगेगी। अगर ऐसा होता है तो यह ठगी हो सकती है।

6. सिक्योर पेमेंट मोड अपनाएं:
UPI या कार्ड से पेमेंट करते समय यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट सिक्योर है और उसमें पेमेंट गेटवे भरोसेमंद है।

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

यदि आप ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए हैं तो तुरंत इन स्टेप्स को अपनाएं:

अपनी बैंक को तुरंत सूचित करें और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कराएं।

1930 पर कॉल कर साइबर क्राइम रिपोर्ट करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

पुलिस में भी FIR कराना न भूलें।

सरकार और साइबर सेल की पहल

सरकार और साइबर एजेंसियां लगातार लोगों को जागरूक कर रही हैं। कई राज्यों में “साइबर जागरूकता अभियान” चलाया जा रहा है, जिसमें स्कूल, कॉलेज, गांवों और शहरों में लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपाय सिखाए जा रहे हैं।

सस्ते प्रोडक्ट के लालच में कई बार हम अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। याद रखें, इंटरनेट पर जो दिखता है, वो हमेशा सच नहीं होता। थोड़ा सतर्क रहकर आप बड़ी ठगी से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं। ऑनलाइन खरीदारी करें, लेकिन स्मार्ट होकर।

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