
Migrant workers death in Malaysia: झारखंड का बेटा मलेशिया में मौत का शिकार, परिवार को चाहिए न्याय और अंतिम दर्शन का हक।
बोकारो। झारखंड का बेटा मलेशिया में मौत का शिकार, परिवार को चाहिए न्याय और अंतिम दर्शन का हक।झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत एक प्रवासी मजदूर की मलेशिया में रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई, जिससे उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक की पहचान गोमिया निवासी [मृतक का नाम] के रूप में हुई है, जो जीविका चलाने के लिए मलेशिया में काम करने गया था। लेकिन अब उसकी मौत की खबर ने पूरे गाँव और परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
मृतक की पत्नी और परिवार ने झारखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है। मृतक की पत्नी ने राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री को एक भावुक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि उनके पति का शव जल्द से जल्द भारत लाने की व्यवस्था की जाए ताकि वे उन्हें अंतिम विदाई दे सकें। परिवार ने कहा है कि वे आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि विदेश से शव लाने का खर्च उठा सकें, इसलिए राज्य सरकार से उम्मीद है कि वे इस दुख की घड़ी में साथ देंगे।
परिजनों का कहना है कि उन्हें न तो पूरी जानकारी दी जा रही है और न ही मौत के कारणों के बारे में स्पष्ट सूचना मिली है। यह घटना उन्हें संदेहास्पद प्रतीत हो रही है और वे इसकी निष्पक्ष जांच की भी मांग कर रहे हैं।
गाँव के लोग भी इस दुख में परिवार के साथ खड़े हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के माध्यम से आवश्यक कदम उठाए और जल्द से जल्द मृतक का शव स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू करे।
यह घटना प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और विदेशों में काम करने वाले श्रमिकों की स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े करती है। हर साल झारखंड से सैकड़ों मजदूर खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया में रोजगार की तलाश में जाते हैं, लेकिन उनके जीवन की सुरक्षा, अधिकार और सहायता को लेकर ठोस व्यवस्था अब भी अधूरी नजर आती है।