
Big Action Of ED In Jharkhand: पूर्व विधायक अंबा प्रसाद, पिता योगेंद्र साहू और करीबियों के 8 ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में छापेमारी।
रांची। झारखंड की सियासत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह बड़कागांव की पूर्व कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। यह छापेमारी सुबह 6 बजे से शुरू हुई और अब तक जारी है।
राजधानी रांची से लेकर हजारीबाग तक फैली कार्रवाई
ईडी की टीमें रांची और हजारीबाग जिले के लगभग 8 स्थानों पर एक साथ कार्रवाई कर रही हैं। इन ठिकानों में अंबा प्रसाद और उनके परिवार के घरों के साथ-साथ उनके नजदीकी सहयोगियों के आवास भी शामिल हैं।
ईडी की छापेमारी में जिन स्थानों पर दबिश दी गई, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
अंबा प्रसाद के रांची और बड़कागांव स्थित घर
उनके पिता योगेंद्र साहू का आवास
अंबा प्रसाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बादल गोयल का ठिकाना
पूर्व विधायक के करीबी मंटू सोनी और पंचम कुमार के घर
मनोज दांगी का बड़कागांव स्थित आवास
अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग, बालू और कोयले के अवैध खनन, और उससे जुड़े ट्रांसपोर्टिंग नेटवर्क को लेकर की जा रही है। अंबा प्रसाद और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन से कमाई गई रकम को सफेद करने के लिए कई कंपनियों और संपत्तियों का इस्तेमाल किया।
बताया जा रहा है कि हर ठिकाने पर ईडी की 8 से 10 सदस्यों की टीमें दस्तावेजों की जांच और पूछताछ में जुटी हैं। छापेमारी के दौरान कुछ महत्वपूर्ण कागजात, डिजिटल डिवाइस और बैंक से जुड़े रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
ईडी को मिली शिकायतों के अनुसार, अंबा प्रसाद और उनके करीबी लंबे समय से बालू और कोयले के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। इसके जरिए अरबों रुपये की संपत्ति इकट्ठा की गई है। इनकम टैक्स और जीएसटी विभाग की रिपोर्टों के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
सियासी हलकों में हलचल
इस छापेमारी के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी और अंबा प्रसाद के समर्थकों ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
फिलहाल ईडी की कार्रवाई जारी है, और जल्द ही इसकी आधिकारिक जानकारी या प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की जा सकती है। इस पूरे घटनाक्रम पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं।
झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मचा देने वाली इस छापेमारी से आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।