हादसे के बाद बड़ा फैसला — एअर इंडिया ने पायलटों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई

हादसे के बाद बड़ा फैसला — एअर इंडिया ने पायलटों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई

नई दिल्ली, 10 अगस्त 2025 — टाटा समूह की अधीनस्थ एअर इंडिया ने शुक्रवार को एक अहम कदम उठाया है: अब एयरलाइन के पायलट 58 वर्ष की उम्र पार करने के बाद मेडिकल और प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर अनुबंध के तहत 65 वर्ष तक सेवा दे सकते हैं। गैर-पायलट कर्मचारियों (जिनमें केबिन क्रू आदि शामिल हैं) की रिटायरमेंट उम्र भी 58 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है। यह बदलाव विस्टारा एयरलाइंस के साथ विलय के बाद लागू हुआ है, ताकि कर्मचारियों के बीच नीति में एकरूपता बनी रहे।

विलय के बाद एकरूपता की जरूरत:
विलय से पहले विस्टारा में पायलटों को 65 वर्ष और अन्य कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवा देने की नीति थी। एअर इंडिया में यह सीमा केवल 58 वर्ष तक थी। इस असमानता ने कर्मचारियों में असंतोष की स्थिति उत्पन्न कर दी थी।इस नई नीति से इनको विस्टारा स्तर पर लाने का प्रयास है।

DGCA नियमों के अनुसार पायलटों की अधिकतम सेवा सीमा:

DGCA (नागरिक उड्डयन महानियंत्रण) के अनुसार, वाणिज्यिक पायलट अधिकतम 65 वर्ष तक उड़ान भर सकते हैं। नई नीति इस नियम के अनुरूप है।

पायलटों को 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर एक वार्षिक मेडिकल और प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर 5-साल का अनुबंध मिलेगा, जिसे हर वर्ष नवीनीकृत किया जा सकता है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि अधिक अनुभवी पायलट सक्रिय बने रहें, विशेषतः बेड़े के विस्तार और परिचालन की निरंतरता के लिए।

कर्मचारी संरचना पर प्रभाव

एअर इंडिया के कुल कर्मियों की संख्या लगभग 24,000 है, जिनमें लगभग 3,600 पायलट और 9,500 केबिन क्रू शामिल हैं। नए नियमों के लागू होने से पायलटों और अन्य कर्मचारियों को लाभ होगा, जिससे उनका सेवा करियर लंबा और स्थिर बनेगा।

बिहाइंड-द-सीन निर्णय

यह फैसला CEO एवं MD कैंपबेल विल्सन द्वारा हाल ही में आयोजित टाउनहॉल मीटिंग में साझा किया गया, जिसे एअर इंडिया स्रोतों ने पुष्ट किया है। हालांकि, एयरलाइन की ओर से अभी आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

क्या बदल गया है — पुरानी बनाम नई नीति

कर्मचारी वर्ग पूर्व रिटायरमेंट आयु नई रिटायरमेंट आयु

पायलट 58 वर्ष अनुबंध आधारित, 65 वर्ष तक
गैर-उड़ान कर्मचारी 58 वर्ष 60 वर्ष

प्रभाव और रणनीतिक दृष्टिकोण

1. अनुभवी पायलटों की सेवा में निरंतरता: फ्लाइट परिचालन, सुरक्षा और मार्ग-प्रशिक्षण में अनुभवी पायलटों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह नीति एयर इंडिया को ऑपरेशनल स्थिरता प्रदान करेगी।

2. विलय से उत्पन्न असंतोष को दूर करना: विस्टारा और एअर इंडिया के बीच सेवा-नीतियों का अंतर कर्मचारियों में असंतोष का कारण बन रहा था। अब एकरूपता से तनाव कम होगा और मनोबल बढ़ेगा।

3. बेड़े के विस्तार की तैयारी: बढ़ते बेड़े और आने वाले विमानों के मद्देनजर, अनुभवी पायलटों की आवश्यकता बनी रहेगी, जो इस नीति से सुनिश्चित हो सकती है।

वायु यात्रा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और तकनीकी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। ऐसे में, एअर इंडिया का यह फैसला रणनीतिक और समयोचित है। यह न केवल पायलटों और कर्मचारियों को मानसिक स्थिरता देता है बल्कि परिचालन और फ्लाइट की दक्षता में भी सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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