
एअर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में कॉकरोच का आतंक! यात्रियों में हड़कंप, एयरलाइन ने दी सफाई
मुंबई। एयर इंडिया की एक इंटरनेशनल फ्लाइट में यात्रियों को उस वक्त हैरानी और परेशानी का सामना करना पड़ा, जब विमान में कॉकरोच दिखाई दिए। यह घटना एअर इंडिया की सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रही फ्लाइट संख्या AI-180 में घटी, जिसमें केबिन क्रू को यात्रियों की सीट बदलनी पड़ी। सोशल मीडिया और यात्रियों की शिकायत के बाद मामला सामने आया, जिसे लेकर एयर इंडिया ने सफाई भी दी है।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि AI-180 फ्लाइट जब सैन फ्रांसिस्को से टेकऑफ कर चुकी थी और लंबी उड़ान के दौरान यात्री विश्राम की स्थिति में थे, तभी कुछ यात्रियों ने अपनी सीट के आसपास कॉकरोच देखे। इससे तुरंत फ्लाइट में हलचल मच गई। यात्रियों ने क्रू मेंबर्स को जानकारी दी, जिसके बाद तुरंत सीटों की अदला-बदली की गई और साफ-सफाई का अस्थायी इंतजाम किया गया।
एयर इंडिया का बयान
इस घटना पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन ऐसी घटनाएं दुर्लभ होती हैं। उन्होंने कहा, “कभी-कभी ग्राउंड हैंडलिंग या सामान लोडिंग के दौरान कीड़े विमान में प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन हमारी एयरलाइन नियमित रूप से कीट नियंत्रण और सफाई प्रक्रिया अपनाती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यात्रियों की असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया गया है।
यात्रियों का अनुभव
एक यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इतनी लंबी उड़ान में कॉकरोच के साथ सफर करना असहनीय था। एयरलाइन को इस ओर अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।” कुछ यात्रियों ने विमान के केबिन की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए, जिसमें सीटों के पास छोटे कीड़े रेंगते दिखे।
लैंडिंग के बाद कार्रवाई
फ्लाइट के मुंबई पहुंचते ही ग्राउंड स्टाफ को अलर्ट किया गया और विमान की फुल डीप क्लीनिंग और फ्यूमिगेशन कराई गई। एयर इंडिया ने आश्वस्त किया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निगरानी और कीट नियंत्रण की प्रक्रिया को और मजबूत किया जा रहा है।
विमानन मानकों पर सवाल
यह घटना एक बार फिर भारत की प्रमुख सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के सेफ्टी और हाइजीन मानकों पर सवाल खड़ा करती है। पहले भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में खाना परोसने की गुणवत्ता, सीटों की सफाई और शौचालय की स्थिति को लेकर कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
क्या कहते हैं एविएशन एक्सपर्ट्स?
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों से एयरलाइन की साख को नुकसान पहुंचता है, खासकर जब बात इंटरनेशनल फ्लाइट्स की हो। एक वरिष्ठ एविएशन एक्सपर्ट ने कहा, “यह घटना एयर इंडिया के लिए गंभीर चेतावनी है। इंटरनेशनल यात्रियों की अपेक्षाएं अधिक होती हैं और ऐसे अनुभव ब्रांड इमेज को प्रभावित करते हैं।”
टाटा ग्रुप के अधिग्रहण के बाद की चुनौतियां
ज्ञात हो कि एयर इंडिया का अधिग्रहण टाटा ग्रुप ने किया है और इसके बाद से एयरलाइन के कायाकल्प की कोशिशें जारी हैं। लेकिन इस प्रकार की घटनाएं सुधार के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया को एक ग्लोबल स्टैंडर्ड एयरलाइन बनाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट दिखाई देती है।
क्या है एयरलाइन की क्लीनिंग पॉलिसी?
एयर इंडिया के अनुसार, सभी उड़ानों के पहले और बाद में विमान की प्राथमिक और समय-समय पर डीप क्लीनिंग की जाती है। इसमें सीट कवर बदलना, फर्श की सफाई, शौचालय सैनिटाइजेशन और कीट नियंत्रण शामिल है। लेकिन इस घटना से साफ है कि इन प्रक्रियाओं में कहीं न कहीं लापरवाही हुई है।
DGCA का रुख
इस पूरे मामले पर अभी तक DGCA (Directorate General of Civil Aviation) की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन अगर यात्रियों की तरफ से औपचारिक शिकायत की जाती है तो नियामक संस्था द्वारा जांच और कार्रवाई की जा सकती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। कई यूजर्स ने लिखा कि “एयर इंडिया को एयर सफारी समझ लिया है, जहां कॉकरोच भी सफर करते हैं।” वहीं कुछ यात्रियों ने अन्य एयरलाइनों की सफाई व्यवस्था की तारीफ करते हुए एयर इंडिया से बेहतर सेवाओं की उम्मीद जताई।
इस घटना ने एक बार फिर हवाई यात्रा के दौरान यात्री सुविधाओं और हाइजीन मानकों की गंभीरता को उजागर किया है। एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइन के लिए यह घटना न केवल प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली है बल्कि ग्राहकों के भरोसे को भी प्रभावित कर सकती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि एयर इंडिया भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी और स्थायी कदम उठाएगी।