
Deoghar: श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का देवघर में दिखा असर, चारों लेबर कोड की वापसी की मांग तेज।
देवघर। केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में हो रही श्रमिक संगठनों की हड़ताल का असर मंगलवार को देवघर में भी साफ तौर पर देखा गया। बैंककर्मियों, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं और विभिन्न मजदूर संगठनों ने एकजुट होकर शहर की सड़कों पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से श्रमिक हितों की अनदेखी बंद करने की मांग की।
हड़ताल की अगुवाई कर रहे श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार से चारों लेबर कोड को तुरंत वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ये कोड न सिर्फ श्रमिकों के अधिकारों को कुचलते हैं, बल्कि देश के संविधान के मूल ढांचे से भी खिलवाड़ करते हैं। इसके अलावा उन्होंने 17 सूत्री मांगों को लेकर भी सरकार को चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
इस हड़ताल को इंडिया गठबंधन के सभी दलों का समर्थन मिला है। मौके पर राजद नेता नित्यानंद केसरी ने कहा, “अगर सरकार ने समय रहते श्रमिकों की बात नहीं मानी तो देशभर में चक्का जाम कर दिया जाएगा।” वहीं, सीआईआई के जिला मंत्री अर्जुन यादव ने केंद्र सरकार को किसान और मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि जब तक श्रमिक कानून वापस नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा।
देवघर में कई बैंकों में कामकाज आंशिक रूप से प्रभावित रहा। कर्मचारी अपने शाखाओं के बाहर तख्तियां और कट-आउट लेकर सांकेतिक हड़ताल में शामिल हुए।
इस हड़ताल के जरिए श्रमिक संगठनों ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब अगर उनकी आवाज नहीं सुनी गई, तो देशव्यापी स्तर पर और बड़ा आंदोलन खड़ा होगा।