
Deoghar: धर्मरक्षिणी सभा द्वारा निःशुल्क बोल बम कांवड़िया सेवा शिविर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की सेवा
शिवगंगा, गोलघर में फल, जल, चिकित्सा, विश्राम एवं खोया-पाया केंद्र की सुविधा।
देवघर। श्रावण मास के पावन अवसर पर भगवान शिव की उपासना में लीन कांवड़ियों की सेवा हेतु पंडा धर्मरक्षिणी सभा द्वारा निःशुल्क बोल बम कांवड़िया सेवा शिविर का आयोजन किया गया है। यह शिविर शिवगंगा, गोलघर परिसर में स्थित है, जहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़िए विश्राम व सेवा प्राप्त कर रहे हैं।
श्रावण मास में बोल बम का जयकारा लगाते हुए श्रद्धालु गंगा जल लेकर बाबा भोलेनाथ को अर्पित करने के लिए लंबी यात्रा पर निकलते हैं। इस कठिन और पवित्र यात्रा में उन्हें सहारा देने हेतु यह सेवा शिविर नर सेवा नारायण सेवा की भावना के साथ पूरी निष्ठा से संचालित किया जा रहा है।
सेवा शिविर की विशेषताएँ:
निःशुल्क चिकित्सा सेवा: शिविर में अनुभवी चिकित्सकों की टीम द्वारा थके-मांदे व बीमार श्रद्धालुओं की चिकित्सा की जा रही है। प्राथमिक उपचार, दर्द निवारक दवाएं, ORS, बुखार और चोट आदि के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही मेडिकल वॉलंटियर्स भी सेवा में तत्पर हैं।
फल एवं जल वितरण: थके कांवड़ियों के लिए ताजे फल, शीतल पेयजल, नींबू पानी आदि की निःशुल्क व्यवस्था की गई है ताकि वे अपनी ऊर्जा पुनः प्राप्त कर सकें और यात्रा सुगमता से पूरी कर सकें।
विश्राम केंद्र: शिविर में थके हुए कांवड़ियों के लिए छायादार स्थान, बैठने और लेटने की व्यवस्था की गई है। पंखा, चटाई, और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया है ताकि यात्रियों को आराम मिल सके।
खोया-पाया सूचना केंद्र: यात्रियों की सुविधा हेतु शिविर में एक ‘खोया-पाया केंद्र’ भी स्थापित किया गया है जहाँ खोए हुए सामानों की सूचना दर्ज की जाती है और उचित पहचान के बाद उन्हें लौटाया भी जाता है। साथ ही बिछड़े हुए कांवड़ियों को उनके साथियों से मिलाने का कार्य भी इसी केंद्र द्वारा किया जा रहा है।
सेवाभावी वॉलंटियर्स की टीम: पंडा धर्मरक्षिणी सभा के सदस्यों समेत दर्जनों युवा और सामाजिक कार्यकर्ता सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। वे कांवड़ियों का स्वागत, उनकी मदद और व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं।
शिवभक्ति में सेवा का अनोखा संगम
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के वरिष्ठ सदस्य [नाम/पदाधिकारी, ने बताया कि यह सेवा शिविर हर वर्ष श्रावण मास में लगाया जाता है और इसका उद्देश्य केवल यही है कि शिवभक्तों को यात्रा में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा, “भोलेनाथ के भक्तों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हमारी कोशिश है कि हर श्रद्धालु को यहाँ सहारा और सम्मान मिले।”
श्रद्धालुओं ने भी सेवा शिविर की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। कई यात्रियों ने बताया कि इस शिविर में उन्हें घर जैसा स्नेह और सेवा मिली। एक कांवड़िया ने कहा, “हम कई किलोमीटर पैदल चलते हैं। यहाँ आकर जो नींबू पानी और विश्राम मिलता है, उससे शरीर को ही नहीं, आत्मा को भी राहत मिलती है।”
हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रहा परिसर
पूरे शिवगंगा क्षेत्र में हर-हर महादेव, बोल बम और ऊँ नम: शिवाय के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया है। सेवा शिविर के माध्यम से ना केवल तन की थकान मिटाई जा रही है, बल्कि श्रद्धालुओं को मन से भी संबल मिल रहा है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा की यह पहल समाज सेवा और धार्मिक आस्था का जीवंत उदाहरण बन चुकी है।
इस सेवा के लिए समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सहयोग भी किया जा रहा है, जिससे यह व्यवस्था और भी सुचारु रूप से चल रही है।
नर सेवा ही नारायण सेवा की भावना को चरितार्थ करता यह सेवा शिविर श्रावण मास में शिवभक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।