देश के 5 मशहूर गणपति पंडाल, जहां भक्ति और आस्था की दिखती है अनोखी झलक।

 

गणेश उत्सव भारत का वह पर्व है जब हर गली, मोहल्ला और शहर गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से गूंज उठता है। यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है और समापन अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन के साथ होता है। इस बार गणेश उत्सव 27 अगस्त 2025 से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलेगा। इन दिनों देशभर में भव्य गणपति पंडाल सजाए जाते हैं। लेकिन कुछ पंडाल ऐसे हैं जो अपनी भव्यता, आस्था और इतिहास के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही भारत के 5 सबसे मशहूर गणपति पंडाल।

1. लालबागचा राजा, मुंबई

मुंबई का नाम आते ही सबसे पहले जिस गणपति पंडाल की चर्चा होती है वह है लालबागचा राजा। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। यह पंडाल 1934 से स्थापित किया जा रहा है और इसे “इच्छा पूर्ति गणपति” भी कहा जाता है। यहां VIP और सामान्य दोनों तरह की लाइनें होती हैं, और भक्त घंटों लाइन में खड़े रहकर बप्पा का दर्शन करते हैं।

खासियत:

भव्य मूर्ति और विशाल पंडाल सजावट

लाखों भक्तों की भीड़

लाइव टेलीकास्ट और ऑनलाइन दर्शन की सुविधा

2. गणेश गली मुरगांवचा राजा, मुंबई

मुंबई के सबसे पुराने और भव्य गणपति पंडालों में से एक है गणेश गली मुरगांवचा राजा। इसकी स्थापना 1928 में हुई थी। यहां हर साल पंडाल को किसी न किसी प्रसिद्ध स्थल जैसे मंदिर, महल या ऐतिहासिक इमारत की तरह सजाया जाता है।

खासियत:

आर्किटेक्चरल थीम वाली सजावट

22 फीट ऊंची मूर्ति

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक थीम पर आधारित पंडाल

3. चिंचपोकली चा चिंतामणि, मुंबई

मुंबई का यह पंडाल 1919 से स्थापित हो रहा है। चिंचपोकली चा चिंतामणि अपनी सरलता, भक्तिभाव और सुंदर मूर्ति के लिए जाना जाता है। यहां हर साल विशेष प्रकार की सामाजिक जागरूकता से जुड़े संदेश भी दिए जाते हैं।

खासियत:

पारंपरिक मूर्ति

सामाजिक मुद्दों पर आधारित सजावट

श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम

4. कसबा गणपति, पुणे

पुणे का कसबा गणपति ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इसे पुणे का ग्रामदैवत (नगर देवता) माना जाता है। यहां पेशवा काल से गणेश उत्सव मनाने की परंपरा है।

खासियत:

ऐतिहासिक महत्व

शहर का प्रथम मानाचा गणपति

पारंपरिक पूजा और उत्सव

5. लखबागचा गणपति, कोलकाता

पश्चिम बंगाल का यह गणपति पंडाल अपनी अनूठी भव्यता और सांस्कृतिक रंगत के लिए प्रसिद्ध है। कोलकाता में दुर्गा पूजा जितनी भव्यता से मनाई जाती है, उतनी ही तेजी से अब गणेश उत्सव भी लोकप्रिय हो रहा है। लखबागचा गणपति पंडाल में हर साल अलग-अलग थीम और कलात्मक सजावट देखने को मिलती है।

खासियत:

बंगाल की संस्कृति का अनोखा संगम

आकर्षक मूर्ति और रंगीन रोशनी

हजारों भक्तों की भीड़

गणपति पंडालों का महत्व और पर्यटन पर असर

इन पंडालों की खासियत केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहती, बल्कि ये पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं। गणेश उत्सव के दौरान देश-विदेश से लाखों लोग मुंबई, पुणे और कोलकाता जैसे शहरों का रुख करते हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी इस समय काफी बढ़ोतरी होती है।

गणेश उत्सव न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि यह समाज को जोड़ने का भी माध्यम है। भारत के ये 5 मशहूर गणपति पंडाल हर साल करोड़ों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चाहे बात हो लालबागचा राजा की भव्यता की या कसबा गणपति की ऐतिहासिकता की, हर पंडाल अपनी अलग पहचान और महत्व रखता है।

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