यमन से लेकर कुवैत तक: मुस्लिम देशों में सबसे अधिक भारतीयों की मौजूदगी, जानिए कहाँ कितनी आबादी

यमन से लेकर कुवैत तक: मुस्लिम देशों में सबसे अधिक भारतीयों की मौजूदगी, जानिए कहाँ कितनी आबादी

भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय रखने वाला देश है। खाड़ी देश, खासतौर पर मुस्लिम बहुल राष्ट्र, भारतीयों के लिए रोजगार, व्यापार और जीवन यापन के बड़े केंद्र हैं। यमन से लेकर कुवैत तक, लाखों भारतीय इन देशों में रहते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था, सेवा क्षेत्र और निर्माण उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि किन मुस्लिम देशों में सबसे अधिक भारतीय रहते हैं और किन क्षेत्रों में वे योगदान दे रहे हैं।

1. संयुक्त अरब अमीरात (UAE): भारतीयों का दूसरा घर

UAE भारतीय प्रवासियों का सबसे बड़ा गंतव्य बन चुका है। यहां लगभग 34 से 40 लाख भारतीय रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का करीब 35% हैं। दुबई, अबू धाबी और शारजाह जैसे शहरों में भारतीयों ने न केवल मेहनत-मज़दूरी से शुरुआत की, बल्कि आज कई बड़े व्यापारी और कारोबारी भारतीय मूल के हैं।

मुख्य क्षेत्र:

निर्माण, परिवहन

बैंकिंग और वित्त

आईटी और इंजीनियरिंग

स्वास्थ्य और शिक्षा

यहां बसे भारतीयों ने मंदिर, स्कूल, हॉस्पिटल और सांस्कृतिक केंद्र भी स्थापित किए हैं, जो भारतीय पहचान को जीवित रखते हैं।

2. सऊदी अरब: मेहनत और विश्वास की धरती

सऊदी अरब में 26 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं। यह संख्या UAE के बाद दूसरे स्थान पर है। धार्मिक रूप से यह देश मुस्लिमों के लिए पवित्र है, लेकिन यहां गैर-मुस्लिम भारतीयों की भी बड़ी संख्या है।

भारतीयों का योगदान:

पेट्रोलियम, निर्माण, और स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत

घरेलू कामगारों से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षाविद तक

कई वर्षों से बसे प्रवासी परिवार

हालांकि हाल के वर्षों में ‘सऊदीकरण’ नीति के तहत विदेशी कामगारों की संख्या में कुछ कमी आई है, फिर भी भारतीयों की मांग बनी हुई है।

3. कुवैत: हर पांच में से एक व्यक्ति भारतीय

कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं। यह संख्या देश की कुल आबादी का करीब 21% है, जबकि श्रमिकों के कुल आंकड़े का करीब 30% हैं। भारतीय यहाँ की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं।

मुख्य पेशेवर क्षेत्र:

हेल्थकेयर (नर्स, डॉक्टर)

टेक्निकल और आईटी सेक्टर

छोटे व्यापारी और रिटेल स्टोर मालिक

कुवैत में भारतीयों की छवि मेहनती और ईमानदार कामगार की बनी हुई है, और वहां की सरकार के साथ भारत के रिश्ते भी काफी मजबूत हैं।

4. ओमान: परंपरा और आधुनिकता के बीच भारतीयों की उपस्थिति

ओमान में 7 से 8 लाख भारतीय रहते हैं। सलालाह और मस्कट जैसे शहरों में भारतीय समुदाय प्रमुखता से बसा है। ओमान के सुल्तान और भारत के संबंधों के कारण यहां भारतीयों को लंबे समय से विशेष सम्मान मिला है।

होटल और हॉस्पिटैलिटी

ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग

टेक्निकल सपोर्ट और रिटेल

यहां भारतीय स्कूल, मंदिर, मस्जिद और सांस्कृतिक केंद्र भी स्थापित हैं।

5. क़तर: तेजी से बढ़ती भारतीय आबादी

कतर में लगभग 7 लाख भारतीय रहते हैं। फीफा वर्ल्ड कप 2022 की तैयारियों के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिक यहां आए थे। इसके अलावा कतर में कई भारतीय डॉक्टर, शिक्षक, इंजीनियर और आईटी प्रोफेशनल्स भी बसे हुए हैं।

निर्माण, इंजीनियरिंग

शिक्षा और हेल्थकेयर

आईटी और दूरसंचार

भारतीय दूतावास की सक्रियता और सामाजिक संगठनों की मदद से यहां भारतीय समुदाय एकजुट और संगठित है।

6. बहरीन: छोटा देश, बड़ी भारतीय भागीदारी

बहरीन में करीब 3.5 लाख भारतीय रहते हैं। बहरीन एक छोटा द्वीप राष्ट्र है, लेकिन यहां भारतीयों का प्रभाव काफी बड़ा है। कई भारतीय यहां दशकों से बसे हैं और स्थायी नागरिकता भी पा चुके हैं।

कंस्ट्रक्शन और सप्लाई चेन

बहरीन में भारतीयों के लिए सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित होते रहते हैं।

7. यमन: संघर्षों के बीच भी भारतीयों की मौजूदगी

यमन में भले ही राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष हो, लेकिन यहां 10,000 से अधिक भारतीय अभी भी मौजूद हैं। इनकी संख्या पहले काफी अधिक थी, लेकिन गृहयुद्ध के चलते कई भारतीय वहां से निकल चुके हैं।

कुछ मेडिकल और रिटेल क्षेत्र में कार्यरत

भारतीय दूतावास की निगरानी में

राहत और पुनर्वास प्रयास जारी

इन मुस्लिम देशों में भारतीय सिर्फ कामगार ही नहीं, बल्कि संस्कृति, सेवा और सम्मान के प्रतीक बन चुके हैं। जहां वे खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्था में रीढ़ का काम कर रहे हैं, वहीं भारत की सॉफ्ट पॉवर को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी मेहनत, ईमानदारी और सहनशीलता ने उन्हें अरब जगत में एक खास पहचान दिलाई है।

  • Related Posts

    अचानक कब्रों से गायब होने लगी हड्डियां, इंसानी खोपड़ियों की बढ़ी डिमांड!

    Contentsमामला कहां का है?क्यों बढ़ी इंसानी खोपड़ियों की डिमांड?पुलिस ने क्या कदम उठाए?कानून क्या कहता है?स्थानीय लोगों में डर और गुस्सा देश के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक चौंकाने…

    प्रधानमंत्री मोदी ने मारुति सुज़ुकी की पहली भारत-निर्मित EV ‘e-Vitara’ को हंसलपुर (गुजरात) से झंडी दिखाकर वैश्विक निर्यात की शुरुआत की।

    Contentsविस्तारित विवरणप्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा:तकनीकी और बाजार संबंधी विवरण:महत्व और प्रभाव:भविष्य की राह: 26 अगस्त 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हंसलपुर, गुजरात में मारुति सुज़ुकी के इतिहास…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *