
FTA पर साइन: मोदी-स्टार्मर मुलाकात से भारत-ब्रिटेन रिश्तों में नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय ब्रिटेन दौरे पर हैं, जहां उन्होंने लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से मुलाकात की। इस अहम द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ब्रिटेन दौरा भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला साबित हुआ है। लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पीएम मोदी और ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के बीच हुई मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान व्यापार, निवेश, रक्षा, जलवायु परिवर्तन और भारतीय प्रवासियों की भूमिका जैसे विषय प्रमुख रहे।
सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा – फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA), जिस पर वर्षों से बातचीत चल रही थी। अब आखिरकार दोनों देशों ने इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। समझौते के अनुसार, दोनों देश व्यापारिक टैरिफ में कटौती करेंगे, जिससे निर्यात-आयात को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक लागत में भारी कमी आएगी।
क्या है FTA का महत्व:
FTA समझौता भारत और ब्रिटेन के लिए “विन-विन” सौदा है। भारत को ब्रिटिश बाजार में अपनी वस्तुओं और सेवाओं के लिए बेहतर एक्सेस मिलेगा, वहीं ब्रिटेन को भारत जैसे विशाल उपभोक्ता बाजार में निवेश और व्यापार बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा 2030 तक 100 अरब डॉलर पार कर सकता है। फिलहाल यह लगभग 36 अरब डॉलर के आस-पास है।
किएर स्टार्मर की प्रतिक्रिया:
ब्रिटिश पीएम किएर स्टार्मर ने इस समझौते को “ब्रिटेन के लिए गेम चेंजर” बताया। उन्होंने कहा, “भारत के साथ यह साझेदारी न केवल व्यापार बल्कि रणनीतिक संबंधों के लिए भी बेहद जरूरी है। यह हमारी नई वैश्विक भूमिका को परिभाषित करेगा।”
पीएम मोदी का वक्तव्य:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के रिश्ते ऐतिहासिक हैं। आज जो FTA पर सहमति बनी है, वह न केवल हमारे व्यापार को नई दिशा देगा, बल्कि दोनों देशों के युवाओं, उद्यमियों और कंपनियों के लिए अपार संभावनाएं खोलेगा।”
अन्य समझौते और सहयोग:
FTA के अलावा दोनों देशों ने शिक्षा, अनुसंधान, टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा और हरित ऊर्जा के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारतीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को और सरल बनाने पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा भारतीय मूल के लोगों की ब्रिटिश समाज में भूमिका और प्रवासी भारतीयों को मिलने वाले अधिकारों पर भी दोनों नेताओं ने सकारात्मक चर्चा की।
राजनीतिक संकेत:
यह दौरा पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर की पहली मुलाकात है। इसे दोनों देशों के रिश्तों में ‘रीसेट’ और ‘रीइनवेंट’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि भविष्य की व्यापक रणनीतिक साझेदारी का संकेत है।
चुनौतियां भी बाकी:
हालांकि इस समझौते के बाद भी कुछ चुनौतियां बरकरार हैं, जैसे कृषि सब्सिडी, श्रमिक अधिकार और डेटा प्रोटेक्शन पर मतभेद। लेकिन दोनों देशों ने इन मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने का भरोसा जताया है।
पीएम मोदी का यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक भविष्य की दिशा तय करेंगे। यह सहयोग न सिर्फ व्यापार में वृद्धि करेगा, बल्कि दोनों देशों के लोगों को भी करीब लाएगा।