
झारखंड में भारी बारिश का कहर: IMD ने 16 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया, सामान्य से 61% अधिक वर्षा दर्ज।
रांची। झारखंड में मानसून अब अपने रौद्र रूप में आ चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के अधिकांश जिलों के लिए 16 जुलाई तक ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में तेज बारिश, वज्रपात, जलभराव और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
अब तक रिकॉर्डतोड़ बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, जून और जुलाई 2025 में झारखंड में सामान्य से 61% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। यह अत्यधिक वर्षा कई जिलों में नदियों के जलस्तर को खतरे की सीमा तक पहुँचा चुकी है। विशेष रूप से रांची, गढ़वा, चाईबासा, दुमका, लोहरदगा, कोडरमा, देवघर और पलामू में भारी बारिश के कारण सड़क मार्ग, खेती और जनजीवन पर गंभीर असर पड़ा है।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा है। निचले इलाकों में जलभराव, सड़कों पर फिसलन और कई जगह भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। स्कूली शिक्षा विभाग ने मौसम की गंभीरता को देखते हुए कुछ जिलों में स्कूल बंद रखने का आदेश भी जारी किया है।
किसानों के लिए चिंता का विषय
हालांकि अधिक बारिश से धान की खेती को शुरुआत में लाभ मिल सकता है, लेकिन लगातार जलजमाव से फसलें खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। कई गांवों में खेतों में पानी भर चुका है, जिससे बीज गलने और जड़ें सड़ने की आशंका है।
बिजली गिरने से हुईं मौतें
पिछले 48 घंटों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 6 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे लोगों में भय का माहौल है।
क्या है येलो अलर्ट?
IMD द्वारा जारी ‘येलो अलर्ट’ का अर्थ है कि मौसम की स्थिति पर निगरानी रखें, सावधानी बरतें, और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यदि स्थिति बिगड़ती है, तो यह ‘ऑरेंज’ और फिर ‘रेड अलर्ट’ में बदल सकता है, जो उच्च जोखिम की स्थिति को दर्शाता है।
झारखंड में भारी बारिश की यह स्थिति मानसून की ताकत और जोखिम दोनों को दर्शाती है। आम जनता, प्रशासन और किसानों के लिए यह समय सावधानी, तैयारी और संयम का है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम अपडेट पर नज़र रखें, सुरक्षित स्थानों पर रहें और आपात स्थिति में सरकारी हेल्पलाइन का उपयोग करें।