मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने “बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर – A TOUCH OF THE DIVINE (दिव्यता का स्पर्श)” पुस्तक का लोकार्पण किया।

देवघर। झारखंड

झारखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से आज झारखंड विधान सभा में एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन ने राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन द्वारा लिखित पुस्तक “बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर – A TOUCH OF THE DIVINE (दिव्यता का स्पर्श)” का विधिवत लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बनेगी।

बाबा बैद्यनाथ धाम: आस्था का अद्वितीय केंद्र

बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर, भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी धार्मिक और पौराणिक महत्ता प्राचीन काल से ही वर्णित मिलती है। कहा जाता है कि यहां की पूजा-अर्चना से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह स्थान न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सावन माह में लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा के माध्यम से गंगाजल चढ़ाकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

महाधिवक्ता राजीव रंजन की इस पुस्तक में बाबा बैद्यनाथ धाम की ऐतिहासिकता, पौराणिकता, धार्मिक मान्यता और सांस्कृतिक परंपराओं का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। साथ ही इसमें मंदिर की वैधानिक स्थिति, परंपरागत व्यवस्थाएं और शासन द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख है।

मुख्यमंत्री का संबोधन

पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा:
“बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह झारखंड की पहचान है। इस पुस्तक के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को हमारी सांस्कृतिक जड़ों और परंपराओं की जानकारी मिलेगी। लेखक ने बेहद शोधपूर्ण और सरल भाषा में बाबा धाम के महत्व को प्रस्तुत किया है, जो सभी पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।”

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महाधिवक्ता राजीव रंजन को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पुस्तक के जरिए देवघर को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

पुस्तक का महत्व

“A TOUCH OF THE DIVINE (दिव्यता का स्पर्श)” केवल धार्मिक पुस्तक नहीं है, बल्कि यह झारखंड के सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास का दस्तावेज है। इसमें यह विस्तार से बताया गया है कि कैसे बाबा बैद्यनाथ धाम ने सदियों से आस्था, संस्कृति और लोकविश्वास को जोड़कर समाज को एकजुट रखा है।

पुस्तक में इस बात पर विशेष चर्चा की गई है कि बैद्यनाथ धाम केवल पूजा का स्थल ही नहीं बल्कि यह व्यापार, पर्यटन और सामाजिक सौहार्द का भी बड़ा केंद्र है। सावन माह की कांवड़ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे झारखंड की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां

लोकार्पण समारोह के दौरान झारखंड के कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इनमें मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव अरवा राजकमल, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव, अपर महाधिवक्ता अच्युत केशव और राजकीय अधिवक्ता मनोज कुमार शामिल थे। सभी ने पुस्तक के प्रकाशन को झारखंड के लिए गर्व का विषय बताया।

आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम

देवघर का बैद्यनाथ धाम न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। यहां हर वर्ग, हर जाति और हर क्षेत्र के लोग अपनी श्रद्धा के साथ आते हैं। पुस्तक में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बैद्यनाथ धाम सदियों से सामाजिक सद्भाव का संदेश देता आया है।

इस पुस्तक का प्रकाशन झारखंड की धार्मिक विरासत को दस्तावेजी रूप देने का प्रयास है। आने वाले समय में यह पुस्तक न केवल विद्वानों और शोधार्थियों के लिए बल्कि आम श्रद्धालुओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

“बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग देवघर – A TOUCH OF THE DIVINE (दिव्यता का स्पर्श)” पुस्तक का लोकार्पण झारखंड के लिए गौरव का क्षण है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी खास बना दिया।

यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को झारखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित कराएगी। बाबा बैद्यनाथ धाम की महिमा और आस्था को विश्व स्तर तक पहुंचाने का यह एक सार्थक कदम है।

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