
‘मैं अब सियासत छोड़ रही हूं…’ पंजाब में AAP को बड़ा झटका, अनमोल गगन मान ने विधायक पद से इस्तीफा दिया
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (AAP) को पंजाब में उस समय बड़ा झटका लगा जब खरड़ से पार्टी की विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने अचानक सियासत से किनारा कर लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी और विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां से इस्तीफा स्वीकार करने की अपील की। अनमोल का यह फैसला न केवल पार्टी नेतृत्व के लिए चौंकाने वाला है बल्कि पंजाब की राजनीतिक हलचल को भी तेज़ कर गया है।
सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट
अपने ट्विटर (अब एक्स) पोस्ट में अनमोल गगन मान ने लिखा—
इस पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महज 33 वर्ष की उम्र में अनमोल का यह कदम, खासकर तब जब वह सक्रिय राजनीति में थीं और युवाओं के बीच एक मजबूत छवि रखती थीं, कई सवाल खड़े करता है।
पहली बार में ही बना थीं विधायक और मंत्री
अनमोल गगन मान 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर खरड़ सीट से मैदान में उतरी थीं और उन्होंने शानदार जीत दर्ज की थी। पार्टी ने सत्ता में आने के बाद उन्हें अपने पहले मंत्रिमंडल में स्थान दिया था। उन्हें संस्कृति, पर्यटन, श्रम और अतिथि सत्कार विभागों का जिम्मा सौंपा गया था।
हालांकि जुलाई 2023 में हुए मंत्रिमंडलीय फेरबदल में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद से ही वह राजनीतिक रूप से अपेक्षाकृत शांत रही थीं।
पार्टी के लिए झटका, विपक्ष ने उठाए सवाल
अनमोल गगन मान के इस्तीफे को विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी की आंतरिक असंतुष्टि का प्रमाण बताया है। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी में भीतरखाने काफी समय से असंतोष चल रहा है, जिसका यह ताज़ा उदाहरण है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “आप के जितने भी चेहरे पंजाब में उभर कर आए थे, या तो वे पार्टी से बाहर हो गए हैं, या किनारे लगाए जा चुके हैं। अनमोल गगन मान का इस्तीफा इसी टूटते भरोसे का प्रमाण है।”
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक रही हैं अनमोल
अनमोल गगन मान ने राजनीति में आने से पहले गायिका और मंच कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। पंजाबी संगीत में उनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा। उनके देशभक्ति गीतों ने युवाओं को खासा प्रभावित किया था, जो कि बाद में उनके चुनावी प्रचार में भी कारगर साबित हुए। राजनीति में आने के बाद भी उन्होंने कई बार अपनी गायकी से जनसभाओं को संबोधित किया और युवाओं को जोड़ने की कोशिश की।
राजनीति में उनके प्रवेश को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण के रूप में देखा गया था। वह अक्सर महिलाओं के मुद्दों पर मुखर रही हैं और विधानसभा में भी उन्होंने महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को मजबूती से उठाया।
इस्तीफे के पीछे कारण क्या?
हालांकि अनमोल गगन मान ने अपने इस्तीफे के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मंत्री पद से हटने के बाद वह लगातार हाशिये पर चली गई थीं। पार्टी के अंदर उनकी भूमिका सीमित हो गई थी और वह सार्वजनिक तौर पर भी सक्रिय नहीं रही थीं। यह भी अटकलें हैं कि पार्टी नेतृत्व के साथ विचारधारा या निर्णयों को लेकर मतभेद थे।
एक वरिष्ठ राजनीतिक समीक्षक के अनुसार, “अनमोल गगन मान जैसी युवा और लोकप्रिय चेहरा अगर राजनीति छोड़ रही है, तो निश्चित रूप से पार्टी के भीतर कुछ ऐसा जरूर है जो उन्हें भीतर से तोड़ गया।”
विधानसभा उपचुनाव की संभावना
चूंकि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है, इसलिए अब खरड़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराए जाने की संभावना प्रबल हो गई है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक दलों ने इस सीट को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
AAP की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने अपने फैसले पर अडिग रहने की बात कही।
आने वाले चुनावों पर असर
अनमोल गगन मान का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब पंजाब में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव और 2027 की विधानसभा की तैयारी शुरू हो चुकी है। उनका जाना न केवल AAP की छवि को प्रभावित करेगा, बल्कि महिला मतदाताओं और युवाओं में पार्टी के प्रति विश्वास को भी झटका लग सकता है।
अनमोल गगन मान का राजनीति से संन्यास लेना केवल एक विधायक के पद छोड़ने की खबर नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे दौर की प्रतीक बन गई है, जहां सियासत में टिके रहने के लिए केवल लोकप्रियता ही काफी नहीं है। यह घटना AAP के लिए आत्ममंथन का विषय है कि क्यों उसके युवा और सक्षम नेता या तो पार्टी छोड़ रहे हैं या किनारे किए जा रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या अनमोल वाकई राजनीति से हमेशा के लिए दूरी बनाए रखेंगी या भविष्य में किसी नए मंच से उनकी वापसी होगी। फिलहाल, उनका यह फैसला पंजाब की राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत कर चुका है।