
पूजा में फूलों का महत्व: जानिए कौन-से फूल किस देवता को अर्पित करने से मिलता है विशेष फल।
भारत की पूजा-पद्धति में फूलों का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि देवी-देवताओं को पुष्प अर्पित करना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इससे साधक की मनोकामनाएं भी शीघ्र पूर्ण होती हैं। हर देवता को कुछ विशेष फूल प्रिय होते हैं और उन्हें वही पुष्प चढ़ाने से पूजा अधिक प्रभावशाली मानी जाती है।
फूल न केवल भगवान के सौंदर्य को समर्पित किए जाते हैं, बल्कि वे वातावरण को भी पवित्र और सुगंधित बनाते हैं, जिससे साधना में मन एकाग्र होता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि किस देवता को कौन-से फूल चढ़ाना शुभ माना गया है और उसका क्या आध्यात्मिक महत्व है।
भगवान शिव – सफेद और आक के फूल
भगवान शिव को विशेष रूप से धतूरा, बेलपत्र और आक (मदार) के फूल अर्पित किए जाते हैं। शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने से मन की शांति मिलती है और पापों का क्षय होता है। धतूरा और आक विष के प्रतीक हैं, जिन्हें भोलेनाथ स्वीकार करते हैं क्योंकि वे सभी प्रकार के विष को अपने भीतर समाहित कर लेते हैं।
भगवान विष्णु – तुलसी और पीले पुष्प
भगवान विष्णु को तुलसी दल विशेष प्रिय है। पूजा में तुलसी अर्पित किए बिना श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके अलावा पीले पुष्प, जैसे कनेर और गेंदा, भी विष्णु जी को चढ़ाए जाते हैं। ये फूल समृद्धि और शुद्धता के प्रतीक होते हैं।
भगवान गणेश – दूर्वा और लाल फूल
श्री गणेश को दूर्वा घास अत्यंत प्रिय है। इसके साथ ही लाल रंग के फूल, जैसे गुड़हल और गेंदे, उन्हें चढ़ाना शुभ माना जाता है। इन फूलों से विघ्नों का नाश होता है और शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
मां लक्ष्मी – कमल का फूल और बेला
मां लक्ष्मी को कमल का फूल अति प्रिय है क्योंकि वह स्वयं कमल पर विराजमान होती हैं। कमल अर्पित करने से धन, ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बेला और सफेद पुष्प भी मां लक्ष्मी की पूजा में उपयोग किए जाते हैं।
मां दुर्गा – गुड़हल और गुलाब
मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प, विशेषकर गुड़हल (हिबिस्कस) और गुलाब, अर्पित करना श्रेष्ठ माना जाता है। ये फूल शक्ति, साहस और विजय के प्रतीक होते हैं। दुर्गा सप्तशती के पाठ में विशेष रूप से लाल फूलों की माला चढ़ाना शुभफलदायक होता है।
सूर्य देव – लाल कमल और अड़हुल
सूर्य देव को लाल कमल या अड़हुल (लाल गुड़हल) फूल अर्पित करने से तेज, ओज और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। ये फूल ऊर्जा और प्रेरणा के प्रतीक होते हैं।
हनुमान जी – लाल फूल और सिंदूर
हनुमान जी को लाल रंग के पुष्प, जैसे गुड़हल, गुलाब और गेंदे के फूल अर्पित करना शुभ होता है। साथ ही, सिंदूर में लिपटे हुए फूल भी उन्हें विशेष रूप से प्रिय होते हैं। ये वीरता, शक्ति और निष्ठा का प्रतीक होते हैं।
सरस्वती माता – सफेद फूल और श्वेत कमल
मां सरस्वती को सफेद रंग के फूल, जैसे श्वेत कमल, चमेली, या बेला विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं। ये ज्ञान, पवित्रता और संगीत की देवी के लिए शुद्धता के प्रतीक माने जाते हैं।
कृष्ण भगवान – तुलसी और पीत पुष्प
भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अत्यंत प्रिय है। इसके अलावा पीले पुष्प, जैसे गेंदे और चंपा, भी श्रीकृष्ण की पूजा में उपयोग किए जाते हैं। ये भक्ति, प्रेम और आनंद के भाव को प्रकट करते हैं।
सावधानी और नियम
कभी भी मुरझाए हुए या गिरे हुए फूल न चढ़ाएं।
चंद्रमा के तत्त्व वाले देवताओं को रात में खिलने वाले फूल न चढ़ाएं।
शिवलिंग पर केतकी और तुलसी नहीं चढ़ाई जाती।
विष्णु को बेलपत्र, धतूरा या आक नहीं चढ़ाते।
फूल न केवल पूजा की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने में भी सहायक होते हैं। हर देवता की विशेष प्रकृति और स्वभाव के अनुसार फूलों का चयन करने से साधक की भक्ति सच्चे रूप में प्रकट होती है और उसे मनचाहा फल प्राप्त होता है। पूजा में पुष्पों का सही उपयोग आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति ला सकता है।