
झारखंड के किसानों ने रचा इतिहास: जोहार परियोजना के तहत 208 करोड़ का कारोबार, वर्ल्ड बैंक ने की तारीफ, मुख्यमंत्री ने दी बधाई।
झारखंड राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली ‘जोहार परियोजना’ (Johar Project) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। इस परियोजना के अंतर्गत किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों की कड़ी मेहनत और संगठनात्मक ताकत ने जो उपलब्धि हासिल की है, उसने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।
वर्ल्ड बैंक ने की खुले दिल से प्रशंसा
विश्व प्रसिद्ध वित्तीय संस्थान ‘वर्ल्ड बैंक’ ने झारखंड की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रभावशीलता और पारदर्शिता की सराहना करते हुए इसे “ग्लोबल मॉडल” करार दिया है। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर आर्थिक सशक्तिकरण और टिकाऊ विकास का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी बधाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जोहार परियोजना से जुड़ी महिलाओं और किसानों को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आर्थिक आंकड़ा नहीं, बल्कि झारखंड के मेहनतकश किसानों और महिलाओं की संगठित शक्ति और दृढ़ निश्चय का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा,
“जोहार योजना से जुड़ी हमारी बहनों और किसानों ने मेहनत और समर्पण से साबित कर दिया है कि यदि उन्हें सही दिशा और संसाधन मिलें, तो वे किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। वर्ल्ड बैंक की सराहना पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।”
क्या है जोहार परियोजना?
जोहार (Jharkhand Opportunities for Harnessing Rural Growth) परियोजना का उद्देश्य झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और उससे जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा देना है। यह योजना मुख्य रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों को संगठित कर उनके लिए स्थायी आजीविका के अवसर सृजित करने पर केंद्रित है।
इस योजना को वर्ल्ड बैंक के आर्थिक सहयोग से वर्ष 2017 में शुरू किया गया था। इसके तहत राज्य के कई जिलों में कृषि, मत्स्य पालन, पशुपालन, फूलों और सब्जियों की खेती को प्रोफेशनल तरीके से प्रोत्साहित किया गया है।
208 करोड़ का कारोबार, 2 लाख से अधिक किसानों को मिला लाभ
जोहार परियोजना के अंतर्गत कार्य कर रहे FPO (कृषक उत्पादक संगठन) ने अब तक 208 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। इससे करीब 2 लाख किसान, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं, प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए हैं।
इन किसानों को बेहतर बीज, आधुनिक कृषि तकनीक, मार्केटिंग सपोर्ट और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया, जिससे उन्होंने स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों की सफल बिक्री की है।
महिलाओं की अगुवाई में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता झारखंड
इस योजना की विशेषता यह रही है कि महिलाएं इस परियोजना की अगुवाई कर रही हैं। महिला समूहों ने न केवल कृषि उत्पादन बढ़ाया है, बल्कि बाजारों से सीधे संपर्क स्थापित कर बेहतर मूल्य भी हासिल किए हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
निष्कर्ष: एक नई दिशा की ओर झारखंड
जोहार परियोजना की सफलता यह साबित करती है कि यदि सरकारी योजनाएं नीतिगत स्पष्टता, पारदर्शिता और जनभागीदारी के साथ लागू की जाएं, तो ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकती है।
झारखंड के किसानों और महिलाओं ने यह दिखा दिया है कि अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वे चमत्कार कर सकते हैं। जोहार परियोजना आज एक सफल उदाहरण बन चुकी है, जिसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है।
यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि झारखंड के ग्रामीण विकास की नई पहचान बन चुकी है।