झारखंड में अब सस्ती दरों पर मिलेगी विदेशी शराब, 1 सितंबर से लागू होगी नई उत्पाद नीति।

झारखंड में शराब बाजार को नई दिशा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने नई उत्पाद नीति 2025 को लागू करने का ऐलान किया है, जो 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगी। इस नई नीति के तहत विदेशी शराब अब पहले से कहीं अधिक सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से जहां उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा, वहीं राज्य की राजस्व आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।

नई नीति का मुख्य उद्देश्य

राज्य उत्पाद विभाग ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि झारखंड के शराब बाजार में पारदर्शिता आए और अवैध शराब कारोबार पर रोक लगे। साथ ही, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से शराब की अवैध तस्करी को कम किया जा सके। अभी तक विदेशी शराब की ऊंची कीमतों के कारण कई उपभोक्ता वैकल्पिक रास्ते अपनाने को मजबूर थे।

क्या होगा बदलाव?

नई नीति के तहत विदेशी शराब की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी। इससे प्रीमियम ब्रांड्स भी अपेक्षाकृत कम दामों पर मिल सकेंगे। उदाहरण के लिए, जो विदेशी शराब की बोतल पहले 2000 रुपये में मिलती थी, वह अब लगभग 1600 रुपये में उपलब्ध होगी।

इसके अलावा, शराब की दुकानों को नए दिशा-निर्देशों के तहत संचालित किया जाएगा। शराब दुकानदारों को अपने स्टॉक और बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड रखना होगा। इससे राजस्व चोरी पर रोक लगेगी और सरकार को वास्तविक आंकड़े मिलेंगे।

उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा फायदा?

नई नीति का सबसे बड़ा फायदा उन उपभोक्ताओं को होगा जो विदेशी ब्रांड की शराब पसंद करते हैं लेकिन ऊंची कीमतों के कारण बार-बार खरीद नहीं पाते। इसके अलावा, शराब की उपलब्धता में भी सुधार होगा। अब विदेशी शराब के लिए सीमित दुकानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

सरकार को होगा कितना फायदा?

सरकार का अनुमान है कि नई उत्पाद नीति से राज्य के खजाने में सालाना 500 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त आय होगी। कीमतों में कमी के बावजूद बढ़ती खपत से यह घाटे का सौदा नहीं होगा।

विपक्ष का क्या कहना है?

हालांकि, इस नीति को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। विपक्षी दलों का कहना है कि शराब को सस्ता करना सामाजिक दृष्टि से सही नहीं है। इससे शराब की खपत बढ़ेगी और सामाजिक समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। इसके जवाब में सरकार का तर्क है कि शराब पहले से ही बिक रही है, लेकिन उच्च कीमतों के कारण अवैध कारोबार पनप रहा था। नई नीति से इस पर रोक लगेगी और शराब बिक्री पर निगरानी भी मजबूत होगी।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

शराब व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि नई नीति से बाजार में स्थिरता आएगी और उपभोक्ता भी संतुष्ट रहेंगे। विदेशी ब्रांड कंपनियों ने भी कीमत घटने के बाद बिक्री बढ़ने की संभावना जताई है।

भविष्य की संभावनाएं

यदि यह नीति सफल होती है तो आने वाले समय में झारखंड शराब बाजार के लिहाज से देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह इस नीति को समय-समय पर रिव्यू करेगी और आवश्यक संशोधन भी करेगी।

क्या हैं नियम?

1. विदेशी शराब की कीमतों में औसतन 15–20% की कमी।

2. सभी रिटेल दुकानों के लिए डिजिटल रिकॉर्ड अनिवार्य।

3. शराब बिक्री के समय सख्त निगरानी।

4. अवैध शराब कारोबार रोकने के लिए विशेष अभियान।

नतीजा

नई उत्पाद नीति के तहत झारखंड में विदेशी शराब का बाजार बदलने वाला है। 1 सितंबर 2025 से लागू होने के बाद इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं और सरकार दोनों पर दिखाई देगा। जहां उपभोक्ता को राहत मिलेगी, वहीं राज्य के खजाने को भी मजबूती मिलेगी।

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