
डोडा में बड़ा सड़क हादसा: यात्रियों से भरी टेंपो ट्रैवलर गहरी खाई में गिरी, 7 की मौत, 17 घायल
जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। बुधवार सुबह एक टेंपो ट्रैवलर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 से 17 अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और राहत-बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत कार्य शुरू कर दिया गया।
यह हादसा डोडा जिले के भारत मार्ग (भद्रवाह-दोडा रोड) पर हुआ। बताया जा रहा है कि यह टेंपो ट्रैवलर डोडा से भद्रवाह की ओर जा रही थी, जिसमें स्थानीय यात्री सवार थे। अचानक चालक वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा, और गाड़ी सड़क से फिसलकर सैकड़ों फीट नीचे खाई में जा गिरी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई दर्दनाक कहानी
स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने बताया कि हादसा सुबह लगभग 9:30 बजे हुआ। उन्होंने दुर्घटना की आवाज़ सुनते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर घायलों को निकालने की कोशिश शुरू कर दी। कई घायल बुरी तरह फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हमने जब गाड़ी को नीचे गिरते देखा तो दिल दहल गया। कुछ लोग छिटक कर बाहर गिर गए थे और बाकी वाहन में फंसे हुए थे। हमनें तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी।”
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलते ही डोडा जिला प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। तत्काल राहत-बचाव अभियान शुरू किया गया। घायलों को खाई से बाहर निकालकर पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर जम्मू मेडिकल कॉलेज भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है।
डोडा के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “यह एक दुखद घटना है। अब तक सात लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। घायलों की संख्या 15 से 17 के बीच है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। प्राथमिक जांच में चालक की लापरवाही और सड़क की खराब हालत को कारण माना जा रहा है।”
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए।
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “डोडा में सड़क हादसे में हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की तत्काल सहायता दी जाएगी। हम इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।”
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हादसे पर दुख प्रकट किया और ट्वीट कर कहा, “डोडा में हुए सड़क हादसे की खबर अत्यंत दुखद है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
क्षेत्र में शोक की लहर
हादसे की खबर फैलते ही डोडा जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों की पहचान का काम जारी है और उनके परिजनों को सूचना दी जा रही है। स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।
भद्रवाह और डोडा के बीच की सड़कों की स्थिति पहले से ही चिंताजनक मानी जाती रही है। पहाड़ी इलाके और तीखे मोड़ों वाले इस मार्ग पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।
खराब सड़कें और लापरवाही बनी हादसों की वजह
जानकारों का कहना है कि डोडा और भद्रवाह के बीच का मार्ग बेहद खतरनाक है, और इसकी स्थिति में सुधार नहीं किया गया है। सड़क पर गार्ड रेलिंग और उचित साइनबोर्ड का अभाव है। इसके अलावा कई बार चालक अधिक स्पीड या वाहन की क्षमता से ज्यादा यात्रियों को लेकर चलते हैं, जो हादसे का कारण बनता है।
स्थानीय निवासी हसन अली का कहना है, “हम कई बार प्रशासन से सड़क की हालत सुधारने की मांग कर चुके हैं। जब तक गार्ड रेलिंग, चौड़ीकरण और नियमित चेकिंग नहीं होगी, तब तक इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहेंगी।”
मृतकों और घायलों की पहचान
पुलिस द्वारा जारी प्रारंभिक सूची के अनुसार मृतकों में अधिकांश स्थानीय निवासी हैं, जिनमें एक महिला और एक बच्चा भी शामिल हैं। घायलों को डोडा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वहां अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि मृतकों की शिनाख्त होते ही उनके परिजनों को शव सौंपे जाएंगे और अंत्येष्टि की प्रक्रिया में प्रशासनिक सहायता दी जाएगी।
डोडा जिले में हुआ यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्यों हमारे पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कें अब भी असुरक्षित बनी हुई हैं। सरकार की विकास योजनाओं और सड़क सुधार परियोजनाओं के बावजूद जमीनी हालात में परिवर्तन नजर नहीं आता। यह हादसा केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – जिसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।