झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 से 28 अगस्त तक, अटल क्लिनिक और सूर्या हांसदा समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष।

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान चार कार्यदिवस होंगे और सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। विपक्ष विशेषकर भाजपा सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना चुकी है, जबकि सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

भाजपा ने इस सत्र में सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले को प्रमुख रूप से उठाने की योजना बनाई है। हाल के दिनों में यह मामला काफी राजनीतिक रंग ले चुका है और भाजपा लगातार इसे जनता के बीच मुद्दा बना रही है। विपक्ष की ओर से इस मामले में कड़ी बहस की संभावना है।

इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से चल रहे अटल क्लिनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा क्लिनिक किए जाने का मुद्दा भी भाजपा के तेवर को और सख्त कर रहा है। पार्टी ने इसे जनता के साथ जुड़ा भावनात्मक विषय बताते हुए विधानसभा में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा विधि-व्यवस्था की खराब स्थिति और सीजीएल परीक्षा की जांच का मुद्दा भी विपक्ष के निशाने पर रहेगा। भाजपा ने 22 अगस्त को दोपहर एक बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें यह तय होगा कि किन-किन विषयों पर सरकार को घेरा जाएगा।

वहीं कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप ने स्पष्ट किया है कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा मामले की निष्पक्ष जांच से सरकार पीछे नहीं हटेगी और विपक्ष को संतुष्ट करने का प्रयास किया जाएगा। कच्छप ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुजी के निधन के कारण बीते दिनों व्यस्त रहे, लेकिन अब वह सभी मुद्दों पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष जो भी ज्वलंत मुद्दा उठाएगा, उस पर सरकार जवाब देने में सक्षम है।

मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होकर 28 अगस्त तक चलेगा। 23 और 24 अगस्त को सप्ताहांत की छुट्टी रहेगी और 27 अगस्त को भी अवकाश रहेगा। इस प्रकार कुल चार कार्यदिवस होंगे। पहले दिन वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाएगा, जिसके बाद शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। 25 अगस्त को पहली पाली में प्रश्नकाल और दूसरी पाली में अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। 26 अगस्त को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक और अन्य कार्य किए जाएंगे, जबकि 28 अगस्त को प्रश्नकाल के बाद विधायी कार्यों के साथ गैर सरकारी संकल्प भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

गौरतलब है कि मानसून सत्र पहले 1 से 7 अगस्त तक प्रस्तावित था। 1 अगस्त को सत्र की शुरुआत हुई, लेकिन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के कारण 4 अगस्त को सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। अब इसे 22 अगस्त से 28 अगस्त तक आयोजित किया जा रहा है।

इस बार का सत्र कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और विधायी मुद्दों के साथ-साथ विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस का गवाह बनने वाला है।

 

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