PM बोले—जरूरी सामान पर टैक्स घटाएंगे, दीवाली पर मिलेगा ‘दोहा तोहफा’: GST स्लैब 4 से घटाकर 2 कर देने का प्रस्ताव; 3.5 करोड़ रोजगार के लिए नई योजना

PM बोले—जरूरी सामान पर टैक्स घटाएंगे, दीवाली पर मिलेगा ‘दोहा तोहफा’: GST स्लैब 4 से घटाकर 2 कर देने का प्रस्ताव; 3.5 करोड़ रोजगार के लिए नई योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में आम जनता के लिए एक अहम राहत की घोषणा की। उन्होंने कहा “इस दिवाली मैं आपके लिए एक दोगुना तोहफा लाने जा रहा हूँ”, जिसमें वस्तुओं एवं सेवा कर (GST) में बड़े सुधार किए जाएंगे।

GST में सुधार का मुख्य प्रस्ताव:

वर्तमान में 5%, 12%, 18%, 28% पर आधारित चार GST स्लैब हैं। वित्त मंत्रालय ने इन चार स्लैबों को केवल दो—“स्टैंडर्ड” और “मेरिट”—में बदलने का प्रस्ताव Group of Ministers (GoM) को भेजा है।

केवल कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दर (Special Rates) लागू करने का सुझाव भी शामिल है।

इस दो-स्लैब प्रणाली से टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा, कंप्लायंस आसान, और आम आदमी तथा MSMEs को फायदा होगा।

उद्देश्य और सुधार के स्तंभ:

फाइनेंस मंत्रालय ने इस सुधार के लिए तीन स्तंभों पर जोर दिया है:

1. ढांचागत सुधार (Structural Reform) – इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करना, इनपुट और आउटपुट टैक्स में समन्वय, क्लासिफिकेशन विवादों का निवारण

2. दरें सुलझाना (Rate Rationalisation) – दैनिक उपयोग की वस्तुओं और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर टैक्स कम करना।

3. जीवन को सहज बनाना (Ease of Living) – छोटे व्यवसाय, स्टार्टअप और MSME के लिए जुड़ाव आसान करना, रिटर्न प्रक्रिया तेज, रिफंड प्रोसेस को तकनीकी रूप से ऑटोमेट करना।

दिवाली तक लागू करने की योजना:

PM ने स्पष्ट कहा कि यह “नेक्स्ट-जनरेशन जीएसटी सुधार”, दिवाली तक लागू किए जाएँगे।

GoM की रिपोर्ट को सितंबर में GST काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा, जहाँ अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

कौन-कौन लाभान्वित होंगे?

आम आदमी: दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे खाद्य सामग्री, घी, बिस्कुट, पढ़ाई के सामान, किसान उपकरण आदि आयातित टैक्स स्लैब से नीचे आएँगे, जिससे महंगाई में राहत मिलेगी।

बीमा, स्वास्थ्य उपकरण, ट्रांसपोर्ट: इन जरूरी सेवाओं पर टैक्स घटाकर 5% या उससे नीचे करने का प्रस्ताव है, जिससे लोगों का खर्च कम होगा।

एमएसएमई व कपड़ा उद्योग: टैक्स दरों में कटौती, प्रतिद्वंदिता में मजबूती, लागत में कमी इनके लाभ को बढ़ावा देगी।

कुल मिलाकर, महिलाओं, छात्रों, मध्यम वर्ग, किसानों आदि सभी वर्गों को आर्थिक राहत मिल सकती है।

राजकिय रणनीति और आर्थिक प्रभाव:
कुछ विश्लेषकों के अनुसार 12% स्लैब को हटाकर वस्तुओं को 5% या 18% में स्थानांतरित करने से ₹50,000 करोड़ (~0.15% GDP) तक राजस्व घाटा हो सकता है, लेकिन यह घरेलू खपत में वृद्धि और आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिएl
नई रोजगार योजना का ऐलान – ‘PM-विकसित-भारत रोजगार योजना’:

साथ ही, PM ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) की भी घोषणा की, जिसके तहत पहली निजी नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 सीधे सरकार द्वारा दिए जाएंगे।

यह योजना लगभग 3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्‍य लेकर लाई गई है।

यह दीवाली सरकार का उद्देश्य आम आदमी और MSME समुदाय को राहत देना है। टैक्स स्लैब में सरलता, लाभार्थी वर्गों को सीधे सहयोग, और रोजगार योजनाओं से एक समावेशी आर्थिक संरचना की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है।

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