
26 अगस्त 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हंसलपुर, गुजरात में मारुति सुज़ुकी के इतिहास की पहली बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) ‘e-Vitara’ का मंच-समारोह पूर्वक उद्धाटन किया, जो भारत में निर्मित है और इसे 100 से अधिक देशों — यूरोप, जापान समेत — में निर्यात किया जाएगा।
विस्तारित विवरण
भारत में स्वदेशी स्टार्ट-अप्स और ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में यह एक अहम मील का पत्थर है। ‘e-Vitara’ न सिर्फ मारुति सुज़ुकी की पहली BEV है, बल्कि यह कंपनी के लिए पहली ग्लोबल EV भी है, जिसे भारत से सीधे वैश्विक बाजारों में भेजा जाएगा ।
यह लॉन्च हंसलपुर प्लांट में हुआ, जहां पीएम मोदी ने इलेक्ट्रिक कार ‘e-Vitara’ को झंडी दिखाई और एक नए हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड उत्पादन केंद्र का भी उद्घाटन किया, जो TDS लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र का हिस्सा है—एक टोसिबा-डेंसो-सुज़ुकी संयुक्त उपक्रम ।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा:
> “आज भारत की आत्मनिर्भरता और ग्रीन मोबिलिटी में हब बनने की दिशा में एक विशेष दिन है… e-Vitara, भारत में निर्मित यह बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन 100 से अधिक देशों में निर्यात होगा… इससे हमारी बैटरी पारिस्थितिकी सिस्टम को बड़ा बल मिलेगा” ।
तकनीकी और बाजार संबंधी विवरण:
e-Vitara को जनवरी 2025 में Bharat Mobility Global Expo में पेश किया गया था ।
NDTV के मुताबिक, भारत में बने यह BEV जापान और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में जाएगा, और बैटरी का करीब 80% मूल्य अब भारत में स्थानीय रूप से निर्मित होगा ।
इससे जुड़ी बैटरी इकाई, जो बैटरी इलेक्ट्रोड बनाएगी, भारत में ही उत्पादन करेगी, जो हमारे ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्वदेशी निर्माण को मजबूत करेगी ।
महत्व और प्रभाव:
यह पहल सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक बड़ी सफलता है ।
इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, टेक्नोलॉजी में आत्म-निर्भरता आयेगी, साथ ही भारत एक वैश्विक EV हब के रूप में स्थापित होगा ।
भविष्य की राह:
हालांकि, जून 2025 में एक रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्लभ पृथ्वी (rare earth) सामग्री की कमी के कारण मारुति सुज़ुकी ने e-Vitara की तत्काल उत्पादन लक्ष्यों को घटी किया था—अप्रैल-सितंबर 2025 के लिए 26,500 की बजाए केवल 8,200 इकाइयों का लक्ष्य रखा ।
बावजूद इसके, कंपनी ने सालाना 67,000 EV निर्माण का लक्ष्य बनाए रखा है और वर्ष के अंतिम भाग में उत्पादन में वृद्धि की योजना है ।
इस निर्यात लॉन्च से यह स्पष्ट होता है कि उत्पादन शुरू हो चुका है और वैश्विक सप्लाई चैनल की तैयारी भी चल रही है।
देश के सबसे बड़े वाहन निर्माता द्वारा भारत में निर्मित पहली BEV का वैश्विक निर्यात, और साथ ही बैटरी इलेक्ट्रोड्स का स्थानीय उत्पादन, यह संकेत हैं कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अग्रणी भूमिका निभाने जा रहा है। यह ‘मेक इन इंडिया’ की भावना और ‘विकसित भारत 2047’ की ओर हम सभी के साझा प्रयासों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।