Ranchi: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से, हेमंत सोरेन कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, 27 अहम एजेंडों पर लगी मुहर।

Ranchi: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से, हेमंत सोरेन कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, 27 अहम एजेंडों पर लगी मुहर।

रांची। झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि राज्य सरकार ने 1 अगस्त 2025 से विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में कुल 27 एजेंडों पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी प्रदान की गई है। ये सभी प्रस्ताव राज्य के सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए बड़े कदम माने जा रहे हैं।

क्या-क्या हुआ तय?

कैबिनेट की इस बैठक में जिन प्रस्तावों पर सहमति बनी, उनमें अधोसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, नगरीय योजनाएं, कर्मचारी कल्याण, कानून व्यवस्था, और वित्तीय नीतियों से जुड़े कई बड़े फैसले शामिल हैं। बैठक में कुछ नए विधेयकों को मंजूरी दी गई है, जिन्हें मानसून सत्र में सदन के पटल पर रखा जाएगा।

मानसून सत्र से पहले सरकार का मास्टरस्ट्रोक

राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। मानसून सत्र में विपक्ष की घेराबंदी के बीच, सरकार अपनी उपलब्धियों और योजनाओं को मजबूती से पेश करेगी। वहीं, विपक्ष सरकार की कार्यशैली, भ्रष्टाचार के आरोप और जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकता है।

कैबिनेट की कुछ संभावित अहम मंजूरियां:

ग्रामीण व शहरी इलाकों में सड़क, पुल व पेयजल परियोजनाओं को हरी झंडी

सरकारी कर्मचारियों के लिए नए सेवा शर्तों व वेतनमान सुधार प्रस्तावों पर फैसला

स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम और स्मार्ट एजुकेशन की शुरुआत

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने हेतु बजट आवंटन

झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक नीति

जनजातीय समुदायों के लिए विशेष योजनाओं को स्वीकृति

क्या बोले सरकार और विपक्ष?

सरकार के प्रवक्ताओं ने कहा कि ये फैसले झारखंड के समग्र विकास और आम जनता की भलाई के लिए लिए गए हैं। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार केवल दिखावे के फैसले ले रही है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई ठोस क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।

क्या रहेगा मानसून सत्र में खास?

1 अगस्त से शुरू हो रहे इस सत्र में लगभग 10 से 12 बैठकें संभावित हैं। इस दौरान सरकार बजट से जुड़े अनुपूरक व्यय प्रस्ताव पेश करेगी। साथ ही हाल ही में राज्य और केंद्र के बीच चल रही खींचतान को लेकर भी सदन में चर्चा होने की संभावना है।

झारखंड विधानसभा का यह मानसून सत्र राज्य की राजनीति और प्रशासन के लिहाज से काफी अहम होने जा रहा है। जहां एक ओर हेमंत सोरेन सरकार विकास और कल्याणकारी योजनाओं के दम पर जनता को संदेश देना चाहती है, वहीं विपक्ष भी सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए तैयार बैठा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यह सत्र कितना प्रभावशाली और निर्णायक साबित होता है।

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