
धर्म: जाने गुरुवार व्रत का चमत्कार, बृहस्पति देव की कृपा से बदल जाता है भाग्य!।
हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन बृहस्पति देव (गुरु) को समर्पित होता है। बृहस्पति देव को देवताओं के गुरु कहा जाता है और उन्हें ज्ञान, धर्म, धन, विवाह और संतान का कारक माना गया है। गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, वैवाहिक सुख, पारिवारिक शांति और आर्थिक उन्नति आती है।
गुरुवार व्रत की कथा
प्राचीन समय की बात है। एक नगर में एक गरीब ब्राह्मण परिवार रहता था। उसकी पत्नी अत्यंत धार्मिक थी और गुरुवार का व्रत पूरे नियमों से करती थी। वह गुरुवार को पीले वस्त्र पहनती, पीले भोजन का भोग लगाती और बृहस्पति देव की पूजा करती।
लेकिन उसकी पड़ोसन, जो धनी और अभिमानी थी, उसे व्रत करने से रोकती थी और कहती थी कि ये सब बेकार है। एक दिन उसने गरीब महिला को धोखे से व्रत तोड़वा दिया। इसके बाद उस स्त्री के घर में धन की हानि हुई, बीमारी फैली और अशांति छा गई।
महिला को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने फिर से श्रद्धा से गुरुवार का व्रत करना शुरू किया। कुछ ही दिनों में उसका जीवन फिर से खुशहाल हो गया। धन-संपत्ति लौट आई और घर में सुख-शांति फैल गई।
इस कथा से यह संदेश मिलता है कि श्रद्धा और नियम से किया गया व्रत कभी व्यर्थ नहीं जाता।
गुरुवार व्रत के लाभ
1. धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
2. वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य बढ़ता है।
3. संतान प्राप्ति में लाभकारी होता है।
4. बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।
5. कर्ज और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
6. घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
7. नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के योग बनते हैं।
गुरुवार व्रत विधि बाबू
प्रातः स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
घर में बृहस्पति देव की पीले वस्त्रों में सुशोभित प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
केसर, चंदन, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि से पूजा करें।
“ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र का जप करें (108 बार)।
पीले भोजन जैसे चने की दाल, केसरिया खीर, बेसन लड्डू का भोग लगाएं।
व्रत के दिन केले का पेड़ न काटें और न ही बाल धोएं।
विशेष सावधानी:
व्रत के दिन खट्टे पदार्थ जैसे नींबू, इमली, दही का सेवन न करें।
झूठ बोलने, क्रोध करने और विवाद से बचें।
गुरुवार को बाल और नाखून काटना वर्जित माना जाता है।
धार्मिक मान्यता:
ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से गुरुवार का व्रत करता है, उसके जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और गुरु ग्रह की शुभता प्राप्त होती है। कुंडली में बृहस्पति दोष या गुरु की दशा खराब हो तो यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना गया है।
गुरुवार का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और सफलता भी लाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में समृद्धि, संतान सुख और वैवाहिक आनंद की कामना करते हैं।