
राखी में लगी एलईडी निगल गया मासूम, गले में फंसी; समय रहते डॉक्टरों ने बचाई जान
खंडवा | राखी के त्यौहार पर बाजार में तरह-तरह की सजावटी राखियां बिक रही हैं, जिनमें छोटी-छोटी एलईडी लाइट लगी होती हैं। यह सजावट देखने में भले ही आकर्षक लगे, लेकिन कभी-कभी यह मासूम बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। खंडवा में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां 4 वर्षीय मासूम ने राखी में लगी एलईडी निगल ली, जो उसके गले में फंस गई। परिजनों ने समय रहते उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बिना विशेष उपकरण की मदद से एलईडी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
कैसे हुई घटना?
जानकारी के अनुसार, खंडवा के इंदिरा नगर क्षेत्र में रहने वाला एक परिवार राखी का त्योहार मना रहा था। छोटे बच्चों के लिए खासतौर पर लाइट वाली राखियां खरीदी गई थीं। खेलते-खेलते एक मासूम बच्चे ने राखी का एलईडी वाला हिस्सा मुंह में डाल लिया और गलती से निगल गया। कुछ ही देर में बच्चे को खांसी आने लगी और उल्टियां शुरू हो गईं।
परिजन घबराए और तुरंत उसे जिला अस्पताल ले गए। वहां मौजूद ईएनटी (कान, नाक और गला) विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि एलईडी गले के ऊपरी हिस्से में फंसी हुई है।
डॉक्टरों ने कैसे निकाला एलईडी
डॉ. राजीव शर्मा, ईएनटी विशेषज्ञ ने बताया —
“बच्चा रो रहा था और गले में दर्द के साथ सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। हमने तुरंत एंडोस्कोप की मदद से स्थिति देखी और बिना देरी किए उपकरण डालकर एलईडी को बाहर निकाला। शुक्र है कि यह सांस की नली में नहीं गई, वरना स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी।”
डॉक्टरों के अनुसार, यह छोटी सी वस्तु गले या भोजन नली में फंसने पर दम घुटने और जान जाने का कारण बन सकती है।
त्यौहार पर खिलौनों और सजावट में बढ़ा खतरा
त्योहारों पर बाजार में बच्चों के लिए बने खिलौने, सजावटी सामान और लाइट वाली राखियां खूब बिकती हैं। इनमें लगी बैटरी, एलईडी या प्लास्टिक के हिस्से आसानी से निकल सकते हैं। छोटे बच्चे इन्हें खेल-खेल में मुंह में डाल लेते हैं।
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. मनीषा तिवारी कहती हैं —
“3 से 6 साल तक के बच्चे चीजों को मुंह में डालने की आदत के कारण ज्यादा खतरे में रहते हैं। विशेषकर बटन बैटरी और एलईडी निगलने से आंतों या भोजन नली में करंट और जलन से गंभीर चोट लग सकती है।”
परिजनों की त्वरित कार्रवाई ने बचाई जान
इस मामले में बच्चे के परिजनों ने समय बर्बाद नहीं किया। उल्टी और खांसी होते ही वे सीधे अस्पताल पहुंचे। कई बार लोग घरेलू नुस्खे अपनाने लगते हैं या इंतजार करते हैं कि वस्तु खुद बाहर आ जाएगी, जिससे हालत बिगड़ सकती है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि यदि बच्चा कोई बाहरी वस्तु निगल ले, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाएं। खुद से निकालने की कोशिश करने पर वस्तु और नीचे जा सकती है।
ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय
3 से 6 साल के बच्चों को छोटे-छोटे हिस्सों वाले खिलौने या सजावटी सामान न दें।
लाइट या बैटरी वाली राखियां और खिलौने केवल बड़े बच्चों के लिए लें।
त्योहार पर खरीदे गए सामान को बच्चों के हाथ में देने से पहले जांच लें।
अगर कोई हिस्सा ढीला है, तो तुरंत हटा दें।
बच्चों के साथ रहते समय चौकसी रखें, विशेषकर जब वे खेल रहे हों।
खंडवा में पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
डॉक्टरों के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब किसी बच्चे ने ऐसी चीज निगली हो। पिछले साल भी एक 5 वर्षीय बच्चे ने खिलौने की बटन बैटरी निगल ली थी, जिसे ऑपरेशन करके निकाला गया था। छोटे शहरों में जागरूकता की कमी के कारण ऐसे मामले बार-बार सामने आ रहे हैं।
बाजार में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लाइट वाली राखियां और खिलौने ज्यादातर सस्ते दाम में बाहर से मंगवाए जाते हैं। इनमें इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स के लिए कोई विशेष सुरक्षा मानक लागू नहीं हैं। इससे ये आसानी से टूट जाते हैं और बच्चे के लिए खतरा बन सकते हैं।
ग्राहक जागरूकता फोरम के अध्यक्ष संजय जोशी का कहना है —
“सरकार को ऐसे उत्पादों पर सख्त नियम लागू करने चाहिए। बच्चों के इस्तेमाल वाली किसी भी वस्तु पर चेतावनी लेबल और आयु सीमा का उल्लेख अनिवार्य होना चाहिए।”
डॉक्टरों की अपील
डॉक्टरों ने अभिभावकों से अपील की है कि त्योहार की खुशियों में बच्चों की सुरक्षा को न भूलें। बाजार में भले ही रंगीन और आकर्षक सामान बिक रहा हो, लेकिन हर चीज बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होती।
डॉ. शर्मा कहते हैं —
“सजावटी राखी या खिलौना खरीदते समय यह सोचें कि अगर यह टूट गया तो इसका छोटा हिस्सा बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं। एक छोटी सी सावधानी बच्चे की जान बचा सकती है।
खंडवा में मासूम की जान समय रहते बच गई, लेकिन यह घटना सभी अभिभावकों के लिए चेतावनी है। त्योहार पर बच्चों को खिलौने और सजावट के सामान देते समय सुरक्षा को प्राथमिकता दें। एलईडी, बटन बैटरी और छोटे प्लास्टिक पार्ट्स वाले आइटम छोटे बच्चों के हाथ से दूर रखें। क्योंकि त्योहार की असली खुशी तभी है, जब परिवार सुरक्षित और स्वस्थ रहे।