
15 अगस्त को शतक जमाने वाले एकमात्र भारतीय, फिर भी BCCI में हो रहे अनदेखी के शिकार – विराट कोहली का सिलेक्शन सवालों के घेरे में
नई दिल्ली। भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) का दिन हर भारतीय के लिए गर्व का दिन होता है, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह तारीख एक और खास रिकॉर्ड से जुड़ी है। टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली वह एकमात्र भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जमाया है। यह वर्ल्ड रिकॉर्ड उनकी चमकदार बल्लेबाजी और मानसिक मजबूती का सबूत है। बावजूद इसके, हालिया टीम चयन में उन्हें नजरअंदाज किए जाने से फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच नाराज़गी बढ़ रही है।
15 अगस्त का ऐतिहासिक शतक
15 अगस्त 2010 को, जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था, विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक ऐसी पारी खेली जिसे आज भी उनके फैंस याद करते हैं। उन्होंने अपनी तकनीक, धैर्य और स्ट्रोक प्ले से विपक्षी गेंदबाजों को पस्त कर दिया। उस मैच में उन्होंने शतक बनाकर भारत को जीत की राह पर डाल दिया और यह दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
यह महज एक शतक नहीं था, बल्कि देश के लिए खेलते हुए राष्ट्रीय पर्व के दिन अपनी प्रतिभा को चरम पर साबित करने का पल था। इस वजह से 15 अगस्त का यह रिकॉर्ड न सिर्फ उनके करियर बल्कि भारतीय क्रिकेट की यादगार उपलब्धियों में से एक बन गया।
वर्ल्ड रिकॉर्ड में अकेले कोहली
दुनियाभर के क्रिकेट में कई महान बल्लेबाज हुए, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शतक बनाने का रिकॉर्ड बहुत ही दुर्लभ है। विराट कोहली इस सूची में अकेले भारतीय हैं। उनके इस कारनामे ने उन्हें वर्ल्ड क्रिकेट में एक अलग पहचान दी।
यह रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि कोहली सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाज नहीं हैं, बल्कि बड़े मौकों पर मानसिक रूप से भी बेहद मजबूत हैं। स्वतंत्रता दिवस जैसे भावनात्मक दिन पर दबाव झेलकर खेलना आसान नहीं होता, लेकिन कोहली ने इसे अपने करियर की सुनहरी पारी में बदल दिया।
BCCI के चयन पर उठ रहे सवाल
हाल ही में हुई टीम इंडिया की वनडे टीम चयन में विराट कोहली को नजरअंदाज कर दिया गया। इस फैसले ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ कोहली के आंकड़े और प्रदर्शन उन्हें टीम में जगह दिलाने के लिए काफी मजबूत हैं, वहीं दूसरी तरफ चयनकर्ताओं के फैसले पर पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
फैन्स का कहना है कि फिटनेस, फॉर्म और अनुभव के मामले में कोहली आज भी किसी से कम नहीं हैं। खासकर बड़े टूर्नामेंट और नॉकआउट मैचों में उनका ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि टीम के लिए वे कितने अहम खिलाड़ी हैं।
फैंस और पूर्व खिलाड़ियों की नाराज़गी
सोशल मीडिया पर हैशटैग #JusticeForKohli और #BringBackKohli ट्रेंड कर रहे हैं। क्रिकेट फैंस का मानना है कि विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ी को टीम से बाहर करना भारतीय क्रिकेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए हैं। कई पूर्व कप्तानों और खिलाड़ियों ने कहा है कि “विराट जैसे खिलाड़ी संकट के समय टीम की रीढ़ होते हैं। उन्हें टीम से बाहर करना समझ से परे है।”
विराट कोहली का प्रदर्शन आंकड़ों में
विराट कोहली के करियर आंकड़े उनकी काबिलियत की गवाही देते हैं:
वनडे में रन: 13,000+
वनडे शतक: 47+
औसत: 57+
बड़े मौकों पर प्रदर्शन: वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में कई मैच विनिंग पारियां।
इन आंकड़ों से साफ है कि कोहली न केवल रन बनाते हैं, बल्कि टीम को मैच जिताने की क्षमता भी रखते हैं।
मानसिक मजबूती और फिटनेस का उदाहरण
विराट कोहली अपनी फिटनेस, ट्रेनिंग और मानसिक अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। आज भी वह बीप टेस्ट और फिटनेस ड्रिल में टीम के युवा खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। उनकी बैटिंग में वह आक्रामकता और आत्मविश्वास है, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को दबाव में ला सकता है।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय
कई विशेषज्ञों का मानना है कि चयनकर्ताओं को अनुभव और फॉर्म के बीच संतुलन बनाना चाहिए। बड़े टूर्नामेंट में अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी टीम के मनोबल को बढ़ाती है। कोहली जैसे खिलाड़ी न सिर्फ रन बनाते हैं, बल्कि ड्रेसिंग रूम में एक लीडर की भूमिका भी निभाते हैं।
BCCI की चुप्पी
अब तक BCCI की ओर से इस फैसले पर कोई विस्तृत बयान नहीं आया है। बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि चयन “भविष्य की योजना” को ध्यान में रखकर किया गया है। लेकिन फैन्स का सवाल है – क्या भविष्य की योजना बनाते समय वर्तमान के बेस्ट खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना सही है?
15 अगस्त को शतक जमाने वाले अकेले भारतीय क्रिकेटर, वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और अब भी फिटनेस व फॉर्म में टॉप लेवल पर होने के बावजूद विराट कोहली का वनडे टीम से बाहर होना क्रिकेट जगत में चर्चा और विवाद का विषय बन गया है।
कोहली का यह रिकॉर्ड आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा, लेकिन फिलहाल फैन्स और एक्सपर्ट्स यही उम्मीद कर रहे हैं कि टीम इंडिया के चयन में न्याय और योग्यता को सबसे ऊपर रखा जाए, ताकि देश के महान खिलाड़ियों को उनका सही सम्मान मिल सके।