सुदेश महतो को मारने की थी गहरी साजिश, नक्सलियों के निशाने पर आजसू सुप्रीमो!

सुदेश महतो को मारने की थी गहरी साजिश, नक्सलियों के निशाने पर आजसू सुप्रीमो!

रांची। झारखंड की सियासत में उस समय सनसनी फैल गई जब खुफिया एजेंसियों ने चौंकाने वाला इनपुट साझा किया कि आजसू सुप्रीमो और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो नक्सलियों के निशाने पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें जान से मारने की गहरी साजिश रची जा रही थी। ये जानकारी जैसे ही सामने आई, राज्य की राजनीति से लेकर सुरक्षा महकमे तक में हलचल मच गई है।

सूत्रों के अनुसार, खुफिया विभाग को हाल ही में यह जानकारी मिली है कि एक विशेष नक्सली समूह ने सुदेश महतो की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर बनाए रखी थी। उनका नाम उन लोगों की “हिट लिस्ट” में शामिल है, जिन्हें संगठन “राज्य विरोधी और आदिवासी हितों के खिलाफ” मानता है।

सियासी सरगर्मी तेज

सुदेश महतो झारखंड की राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं। वे लंबे समय से कोल्हान और दक्षिणी झारखंड के इलाकों में जनाधार रखते हैं और आदिवासी राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ किसी भी तरह की साजिश सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं बल्कि राज्य की स्थिरता पर भी खतरा माना जा रहा है।

आजसू पार्टी ने इस मामले में राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह न केवल सुदेश महतो की सुरक्षा का मामला है, बल्कि राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी हमला है।

सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, खुफिया इनपुट के बाद राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने कुछ संदिग्ध इलाकों में सर्च ऑपरेशन भी चलाया है। यह भी पता चला है कि साजिश रचने वाले नक्सलियों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

सूत्रों का कहना है कि सुदेश महतो की सार्वजनिक सभाओं और दौरों की मॉनिटरिंग भी की जा रही थी। कुछ जगहों पर उनके रूट पर संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया गया।

सुदेश महतो ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर खुद सुदेश महतो ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मैं झारखंड और यहां के लोगों की सेवा करता रहा हूं और करता रहूंगा। इस तरह की धमकियों से हम डरने वाले नहीं हैं। लेकिन सरकार को चाहिए कि वो राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करे।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें आदिवासी विरोधी मानता है, तो वह पूरी तरह से ग़लतफ़हमी में है, क्योंकि आजसू हमेशा आदिवासियों और मूलवासियों के हक की लड़ाई लड़ती रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सुदेश महतो की सुरक्षा में कोई चूक न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।

भाजपा ने भी इस घटना की निंदा की है और राज्य सरकार से मांग की है कि नक्सली गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जाए। भाजपा नेताओं का कहना है कि सुदेश महतो पर खतरा सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है।

सुदेश महतो को लेकर नक्सली साजिश की खबर ने झारखंड की राजनीति को झकझोर दिया है। अब यह देखना होगा कि सुरक्षा एजेंसियां कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से इस साजिश को विफल करती हैं और दोषियों को कानून के कठघरे में लाती हैं।

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