
दुमका। “मिट्टी की रक्षा, जल की रक्षा और बीज की स्वतंत्रता ही भविष्य की कुंजी है” – डॉ. निशिकांत दुबे
ग्राम दुलाताड़ में हुआ “मिट्टी पूजन समारोह” का भव्य आयोजन, प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों में उत्साह
दुमका। जिले के सरैयाहाट प्रखंड अंतर्गत ग्राम दुलाताड़ में बुधवार को चेतना विकास एवं नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में “मिट्टी पूजन समारोह – धरती को नमन, प्राकृतिक खेती का उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन JIVA परियोजना के अंतर्गत संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य टिकाऊ कृषि, मिट्टी की उर्वरता की रक्षा और किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ना है।
कार्यक्रम के दो मुख्य अतिथि—गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और नाबार्ड झारखंड के मुख्य महाप्रबंधक श्री गौतम कुमार सिंह—की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की।
समारोह की शुरुआत पारंपरिक तरीके से मिट्टी पूजन और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद जैविक इनपुट्स जैसे जीवामृत और बीजामृत का प्रदर्शन किया गया। चेतना विकास के सचिव कुमार रंजन ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन से किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति नई प्रेरणा मिली है।
प्राकृतिक खेती: तकनीक नहीं, प्रकृति से जुड़ाव
मुख्य अतिथि श्री गौतम कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “प्राकृतिक खेती केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि धरती के साथ हमारे रिश्ते की पुनर्स्थापना है।” उन्होंने यह भी कहा कि नाबार्ड इस क्षेत्र को एक मॉडल कृषि क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तरह सहयोग करेगा।
डॉ. निशिकांत दुबे ने जताया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने अपने संबोधन में कहा, “मिट्टी की रक्षा, जल की रक्षा और बीज की स्वतंत्रता ही आने वाले समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।” उन्होंने आदिवासी समुदाय से स्वास्थ्य और सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने की अपील की। उन्होंने देवघर में निर्माणाधीन प्लास्टिक पार्क और उससे जुड़ी रोजगार संभावनाओं का भी उल्लेख किया।
डॉ. दुबे ने जोर देते हुए कहा, “मैं गांव का नेता हूँ और शिक्षा, स्वास्थ्य, जल एवं खेती जैसे बुनियादी विषयों पर लगातार काम करता आया हूँ और करता रहूँगा।” उन्होंने चेतना विकास और नाबार्ड के कार्यों की सराहना करते हुए इसे समाज और सरकार दोनों के लिए आवश्यक बताया।
सामुदायिक भागीदारी और सहयोग
इस समारोह में जिले के विभिन्न गांवों से आए किसानों, महिला समूहों, युवाओं, पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही। चेतना विकास की निदेशिका श्रीमती रानी कुमारी ने बताया कि JIVA परियोजना, पहले से संचालित WADI परियोजना की अगली कड़ी है, जिसमें किसानों को प्रशिक्षण, जैविक इनपुट्स और फील्ड सपोर्ट दिया जा रहा है।
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री रूपेश कुमार ने बुजुर्गों के लिए छाता और बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री वितरित कर कार्यक्रम में मानवीय संवेदना का स्पर्श जोड़ा। सुबोध कुमार ने भी प्राकृतिक खेती की पहल की सराहना की।
“बीज से मिट्टी तक” की सामूहिक शपथ
कार्यक्रम के अंत में डॉ. दुबे ने उपस्थित सभी लोगों को “बीज से मिट्टी तक” की सामूहिक शपथ दिलाते हुए पर्यावरण और मिट्टी की रक्षा का संकल्प कराया।
कार्यक्रम के संचालन में नाबार्ड के डी.डी.एम. सुभेन्दु बेहरा और चेतना विकास के कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह समारोह न केवल खेती के एक नए दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देने वाला था, बल्कि धरती और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाने वाला बन गया।