पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का तापमान अब चरम पर पहुंच चुका है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आज से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी बिहार में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। वहीं भाजपा (BJP) की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैदान में उतर रहे हैं।
राज्य की राजनीति अब गरमाई हुई है और जनता के बीच प्रचार का माहौल पूरी तरह बन चुका है।
राहुल गांधी का बिहार दौरा
कांग्रेस और महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) की तरफ से राहुल गांधी की यह पहली बड़ी रैली होगी। वे आज दरभंगा और मुजफ्फरपुर में जनसभाएं करेंगे, जिसमें तेजस्वी यादव भी उनके साथ मंच साझा करेंगे। यह रैली विपक्षी एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन मानी जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी बिहार में युवाओं, रोजगार, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधेंगे।
कांग्रेस का दावा है कि इस बार जनता बदलाव के मूड में है और महागठबंधन को भारी समर्थन मिल रहा है।
भाजपा का चुनावी अभियान तेज
दूसरी तरफ, भाजपा भी पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है। अमित शाह अगले दो दिनों में सासाराम, गया और पटना में रैलियां करेंगे, जबकि राजनाथ सिंह भागलपुर और मुजफ्फरपुर में सभाएं करेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ का भी बिहार दौरा तय है, वे धार्मिक और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर जनता से जुड़ने की कोशिश करेंगे।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बार “विकास और सुरक्षा” को मुख्य एजेंडा बनाकर चुनाव लड़ेगी।
अमित शाह ने कहा है — “बिहार में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा NDA की सरकार बनेगी, जनता जनार्दन इस बार विकास की राजनीति को चुनेगी।”
NDA बनाम महागठबंधन की सीधी टक्कर
बिहार चुनाव 2025 में मुकाबला साफ तौर पर NDA बनाम महागठबंधन (INDIA) के बीच दिख रहा है।
एक तरफ नीतीश कुमार, चिराग पासवान, सुशील मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे चेहरे हैं, तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी जैसे विपक्षी नेता मैदान में हैं।
राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान नवंबर के पहले हफ्ते में होना है, और हर दल जनता के दिल में जगह बनाने की जद्दोजहद में लगा है।
चुनावी मुद्दे – युवाओं से लेकर महंगाई तक
इस बार बिहार चुनाव में रोजगार, शिक्षा, महंगाई, महिला सुरक्षा, बिजली-पानी और स्थानीय विकास जैसे मुद्दे केंद्र में हैं।
महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र में युवाओं के लिए लाखों नौकरियों का वादा किया है, जबकि भाजपा ने “विकसित बिहार 2040” का रोडमैप जारी किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा — “हम युवाओं को नौकरी देंगे, किसानों की आमदनी बढ़ाएंगे और गरीबों को राहत पहुंचाएंगे।”
वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि “विकास का मतलब केवल वादे नहीं, बल्कि काम है — जो NDA ने किया है।”
राहुल गांधी की रणनीति
राहुल गांधी का फोकस इस बार युवा वोटर्स और महिला मतदाताओं पर है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल की रैलियों में रोजगार, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण प्रमुख विषय रहेंगे।
उनके प्रचार का स्लोगन है — “नया बिहार, नई सोच।”
कांग्रेस का इरादा है कि इस बार वह राज्य में अपनी खोई हुई जमीन दोबारा हासिल करे।
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी को विपक्ष “जनता की आवाज़” के रूप में पेश कर रही है।
भाजपा का पलटवार
भाजपा नेताओं का कहना है कि महागठबंधन का कोई ठोस एजेंडा नहीं है।
राजनाथ सिंह ने एक सभा में कहा — “बिहार की जनता जानती है कि कौन काम करता है और कौन केवल भाषण देता है। NDA ने सड़कों, बिजली और उद्योग के क्षेत्र में राज्य को नई दिशा दी है।”
वहीं योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिहार का विकास तभी संभव है जब “जाति नहीं, राष्ट्रवाद” पर वोट डाला जाए।
जनता के बीच बढ़ती हलचल
बिहार के गांव-गांव और कस्बों में अब चुनावी रंग चढ़ चुका है।
कहीं भाजपा समर्थक “मोदी-योगी एक बार फिर” के नारे लगा रहे हैं, तो कहीं महागठबंधन के पोस्टर “नौकरी दो, जवाब दो” की मांग कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी।
अभी तक जो रुझान सामने आए हैं, उससे लगता है कि मुकाबला बेहद दिलचस्प और कांटे का होगा। बिहार का सियासी दंगल अब पूरी तरह सज चुका है।
एक ओर सत्ता बचाने की कोशिश में NDA है, तो दूसरी ओर बदलाव के नारे के साथ महागठबंधन मैदान में है।
राहुल गांधी के प्रचार अभियान की शुरुआत और भाजपा के दिग्गज नेताओं की रैलियों से राज्य में चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुंच चुका है।
अब देखना यह है कि जनता किसके वादों पर भरोसा जताती है और कौन बनता है बिहार की सियासत का बादशाह।
