देवघर,ए.एस. महाविद्यालय, देवघर में संविधान दिवस बड़े ही गरिमामय वातावरण में मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई-5 के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के प्रति नागरिकों की संवैधानिक प्रतिबद्धता पर विशेष चर्चा की गई। कला संकाय कक्ष संख्या-01 में प्रातः 11 बजे से शुरू हुए इस समारोह में महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, एनएसएस स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

कार्यक्रम का मुख्य विषय था— “वर्तमान समय में संविधान के प्रति नागरिकों की प्रतिबद्धता आवश्यक”। इस विषय पर आयोजित संगोष्ठी ने सभी प्रतिभागियों को संविधान के महत्व, उसकी मूलभूत भावना और आज के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में उसकी प्रासंगिकता से अवगत कराया।
संविधान: सुदृढ़ और लचीला—प्राचार्य डॉ. टी.पी. सिंह
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. टी.पी. सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत और लोकतांत्रिक संविधान है। उन्होंने कहा—
“हमारा संविधान जितना सुदृढ़ है, उतना ही लचीला भी है। यह नागरिकों को अधिकार देता है, साथ ही उन्हें कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करता है। हम सभी भारतीय नागरिकों का दायित्व है कि संविधान के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता बनाए रखें।”
उन्होंने संविधान के मूल मूल्य—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—को समाजिक सौहार्द और लोकतांत्रिक मजबूती की नींव बताया।
उद्देशिका का सामूहिक वाचन और शपथ
कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं छात्रों ने संविधान की उद्देशिका (Preamble) का सामूहिक वाचन किया।
सभी ने भारत की लोकतांत्रिक परंपरा, राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की शपथ ली।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति और संवैधानिक गौरव से ओतप्रोत हो उठा।
विशिष्ट शिक्षकों की उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा
संविधान दिवस समारोह में ए.एस. महाविद्यालय के कई वरिष्ठ व अनुभवी शिक्षक उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बना दिया। मौके पर मौजूद प्रमुख शिक्षक व शिक्षिका:
डॉ. पुष्पलता
डॉ. भारती प्रसाद (कार्यक्रम पदाधिकारी, एनएसएस इकाई-5)
डॉ. वात्सला पन्ना
डॉ. पामेला
पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार
डॉ. किरण पाठक
डॉ. अरविंद झा
डॉ. अनिल कुमार
डॉ. विपिन कुमार सिंह
डॉ. अनुराधा
डॉ. सुधांशु शेखर महतो
डॉ. मुकेश कुमार
डॉ. पूनम दयाल
सुश्री संगीता हेंब्रम
श्री शेख हुसैन
श्रीमती आशा बेसरा
श्री सोनू मेहता
डॉ. असुंता हेंब्रम
सुश्री सोनल सिंह
डॉ. अलका
डॉ. पार्वती
डॉ. दीपिका
श्रीमती सुमति मुंडा
डॉ. दिनेश वर्मा
डॉ. बृजेश
डॉ. वीरेंद्र
डॉ. पूनम कुमारी
डॉ. हरिपद
डॉ. अभय
डॉ. उमा कुमारी
डॉ. राजेश बिसेन
डॉ. बबीता कुमारी
डॉ. पी. मित्रा
डॉ. अवनी मांझी
डॉ. शंभूनाथ मिश्रा
डॉ. मौसमी मुखर्जी
इन सभी शिक्षकों ने संविधान दिवस पर छात्रों को जागरूक और प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिक्षकेत्तर कर्मियों और छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
संविधान दिवस समारोह में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भागीदारी भी सक्रिय रही। उपस्थित प्रमुख कर्मियों में—
श्री सुनील कुमार
श्री अमित पर्वे
वहीं छात्रों में युवराज, सत्यम, सिमरन, स्वीटी, साक्षी, साहिल, पुष्कर, सुधांशु, सुमित, शबाना, धीरज, रजक, कुंडुश, नाज़िया, प्रिंसी, लक्ष्मी, सरस्वती, रेशमी समेत कई छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर, पचासों छात्र-छात्राओं की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को जीवंत और सार्थक बनाया।
कार्यक्रम पदाधिकारी का वक्तव्य
एनएसएस इकाई-5 की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. भारती प्रसाद ने कहा कि संविधान दिवस का उद्देश्य केवल औपचारिकता निभाना नहीं है, बल्कि युवा पीढ़ी को संवैधानिक मूल्यों और नागरिक दायित्वों के प्रति जागरूक करना है।
उन्होंने छात्रों को सामाजिक नेतृत्व, सेवा भावना और राष्ट्रीय चेतना के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
ए.एस. महाविद्यालय, देवघर में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम न केवल शैक्षणिक रूप से महत्वपूर्ण रहा बल्कि सामाजिक-शैक्षणिक चेतना को भी मजबूती प्रदान करने वाला साबित हुआ।
ऐसे आयोजन युवाओं को देश के भविष्य निर्माता के रूप में जागरूक और जिम्मेदार बनाते हैं—जो संविधान द्वारा निर्धारित आदर्शों के अनुरूप एक बेहतर भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरित करते हैं।
